Economic Crisis In Bangladesh: कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर ने स्वास्थ्य के साथ साथ आर्थिक मोर्चे पर भी काफी नुकसान का सामना किया। कोरोना के बाद से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ कर्ज लेने में भारत के पड़ोसी देश सबसे आगे निकलते जा रहे हैं।
IMF से कर्ज लेने के मामले में भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने पहला स्थान हासिल किया है। जबकि दूसरे स्थान पर श्रीलंका और अब तीसरे नंबर पर बांग्लादेश आ गया है। पाकिस्तान पहले से ही कर्ज की आस में IMF पर निर्भर था। श्रीलंका में हाल ही में आए आर्थिक महासंकट के बाद उसने भी IMF से मदद की गुहार लगाई, लेकिन अब इस लीस्ट में बांग्लादेश भी शामिल हो गया है। बांग्लादेश IMF से कर्ज लेने के लिए बातचीत शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत उसने कुछ दिन पहले ही कर्ज के लिए अपना आवेदन IMF के पास भेजा था।
किसने लिया कितना कर्ज
देश | IMF से कर्ज |
पाकिस्तान | अबतक 5194 मिलियन डॉलर का कर्ज |
श्रीलंका | अबतक 600 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया |
बांग्लादेश | जुलाई 2022 तक 762 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया |
अफगानिस्तान | अबतक 378 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया |
इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर म्यांमार है और छठे नंबर पर नेपाल है। ये आंकड़े जुलाई 2022 तक के हैं। बांग्लादेश ने बीते 3 साल में IMF से 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज मांगा है। बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार (Economic Crisis In Bangladesh) में तेजी से गिरावट आने के बाद देश की सरकार ने IMF से मदद मांगने का फैसला लिया। आर्थिक मामलों के जानकारों की मानें तो प्राकृतिक गैस समेत दूसरे आयात का बिल तेजी से बढ़ने और निर्यात में गिरावट के कारण बांग्लादेश भी विदेशी मुद्रा के संकट में फंसता दिख रहा है।
कोरोना के कारण गहराया आर्थिक संकट
कोरोना के कारण करीब 90 देशों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा औऱ कर्ज के लिए IMF से गुजारिश करनी पड़ी। लेकिन, IMF की मजबूरी है कि उसके पास मात्र एक ट्रिलियन डॉलर तक कर्ज देने की क्षमता है और इसमें से अभी तक उसने शर्त के साथ सिर्फ 250 बिलियन डॉलर कर्ज देने का मन बनाया है।