आज गणेश चतुर्थी पर इन बातों का रखें ख्याल….

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, आगर आप चंद्रमा का दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फेंक दें।

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Vinayak Chaturthi 2021
Vinayak Chaturthi 2021: इस दिन है विनायक चतुर्थी, जानिए महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

New Delhi: आज देशभर में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनाई जा रही है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मदिन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणपति को घर लाकर विराजमान करने से लेकर उनके विसर्जन को भी धूमधाम से किया जाता हैं। 10 दिन चलने वाले इस त्यौहार पर गणपति की स्थापना की जाती है। 10 दिन बाद अनन्त चतुर्दशी के दिन गणेशोत्सव समाप्त होता है। इस दिन (Ganesh Chaturthi) श्रद्धालु धूमधाम के साथ सड़कों पर ढोल बजाते, नाचते-गाते हुए भगवान गणेश की मूर्ति का सरोवर, नदी आदि में विसर्जन करते हैं।

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बता दें कि पूजा (Ganesh Puja) किसी भी देवी-देवता की क्यों ना हो, पूजा की शुरुआत हमेशा गणेशजी की आरती (Ganesh Aarti) से की जाती है। दरअसल प्रथम पूज्य गणेश को विघ्नकर्ता और विघ्नहर्ता दोनों ही कहा जाता है। गणेश चतुर्थी पर हमें कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। तो आइए आपको बताते हैं कि गणेश चतुर्थी पर क्या करना अशुभ माना जाता है।

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, आगर आप चंद्रमा का दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फेंक दें। गणेश की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। पूजा करते समय लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। गणेश चतुर्थी की पूजा में नई मूर्ति का इस्तेमाल करना चाहिए, पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर दें। घर में गणेश की दो मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए।

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इसके अलावा आज हम आपको बताएंगे की गणेश जी के हाथी के सिर होने के पिछे कि क्या वजह है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती स्नान के लिए चली गईं और उन्होंने द्वार पर गणेश जी को बैठा दिया। माता पार्वती ने गणेश जी से कहा था कि जब तक उनकी इजाजत न हो, वह किसी को अंदर न आने दें।

जिसके बाद वहां पर भगवान शिव का आगमन हुआ। भगवान शिव ने प्रवेश की कोशिश की तो गणेश जी ने उन्हें रोक दिया। इस बात से क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया। जब माता पार्वती बाहर निकलीं तो यह देखकर व्याकुल हो उठीं और उन्होंने भगवान शिव से गणेश जी को बचाने के लिए कहा। तब भगवान शिव ने गणेश जी को हाथी का सिर लगा दिया।

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