Coronavirus: यूपी में अलर्ट जारी, जिला अस्पतालों में अलग वार्ड बनाने के निर्देश

चीन के बाद कोरोना वायरस अब दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। भारत में भी कोरोना वायरस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं, हलांकि अभी इन मामलों की पुष्टि नहीं हुई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस को लेकर अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

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नोएडा। चीन के बाद कोरोना वायरस अब दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। भारत में भी कोरोना वायरस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं, हलांकि अभी इन मामलों की पुष्टि नहीं हुई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस को लेकर अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए यूपी स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही चीन से आने वाले हर व्यक्ति के आवागमन पर नजर रखी जा रही है।

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस के रोगियों के लिए अलग से वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यूपी सरकार ने चीन आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जानकारी जुटाने और उनकी स्क्रीनिंग कराने के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों ने सभी चिकित्साधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में संदिग्ध लक्षण वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश जारी किए हैं।

ताजनगरी में कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से बीते एक महीने में चीन से आगरा आए लोगों की जानकारी मांगी है। इस जानकारी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग उनसे संपर्क करके सेहत का हालचाल जानेग।

क्या है वुहान कॉरोना वायरस?
वुहान कॉरोना वायरस कोरोना वायरस फैमिली का सदस्य है, जो इससे पहले कभी सामने नहीं आया। दूसरे कोरोना वायरस की तरह ये भी जानवरों से उत्पन्न हुआ है। इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों में SARS (Severe Acute Respiratory Syndrome) और MERS (Middle Eastern Respiratory Syndrome) जैसे लक्षण पाए गए हैं। ये दोनों सिंड्रोम्स भी कोरोना वायरस के कारण होते हैं जो कि जानवरों से आए थे।

कोरोनावायरस से ग्रस्त होने वाले लोगों में बार-बार खांसी आना, बुखार आना और सांस लेने में तकलीफ जैसे कई लक्षण देखने को मिले है, जबकि कई गंभीर मामलों में शरीर के अंग खराब होने के मामले भी सामने आए हैं। डॉक्टर्स के अनुसार ये एक किस्म का वायरल निमोनिया है, जिसमें एंटीबायोटिक्स कोई असर नहीं करती हैं। फ्लू जैसी बिमारी के लिए प्रयोग की जाने वाली एंटीवायरल ड्रग्स भी इस पर बेअसर साबित हुई हैं। ऐसे में इस बीमारी से रिकवरी व्यक्ति के मजबूत इम्मयून सिस्टम पर ही निर्भर करती है। फिलहाल, वैज्ञानिक इस वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

वायरस के लक्षण और समस्या
– सांस लेने में परेशानी होना
– सर्दी -जुकाम जैसे लक्षण
– नाक का लगातार बहना, सिर में दर्द
– खांसी-कफ, गला खराब होना
– तेज बुखार, थकान, उल्टी महसूस होना
– अंगों का काम करना बंद करना

वायरस से ऐसे करें बचाव
– मरीज की सही तरीके से गाइड लाइन के अनुसार देखभाल करें
– सांस लेने संबंधी किसी को समस्या हो तो उससे दूर रहें
– वायरस प्रभावित देशों और क्षेत्रों की यात्रा से बचें
– हाथों और शरीर की सफाई का खासा ध्यान रखें
– खांसते व छींकते समय मुंह-नाक को ढक कर रखें
– हाथ व उंगली से आंख, नाक व मुंह को बार-बार न छूएं
– हाथ मिलाने, एक-दूसरे को छूने से बचें

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