New Delhi: देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कई देश वैक्सीन (Corona Vaccine) को तैयार करने में लगे हुए हैं। इस बीच भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन का निर्माण कर रहा है, जिसकी इस साल अगस्त में लॉन्च होने की संभावना है। वही अब इस वैक्सीन को इतना जल्दी लॉन्च करने के ऊपर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yachury) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) कोरोना वायरस का टीका बनाने (Corona Vaccine) की प्रक्रिया तेज करने की कोशिश कर रही है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसके संबंध में घोषणा कर सकें।
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येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘टीका वैश्विक महामारी के लिए सबसे निर्णायक समाधान होगा। विश्व ऐसे सुरक्षित टीके का इंतजार कर रहा है, जिसकी दुनियाभर में पहुंच हो।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन वैज्ञानिक अनुसंधान आदेश के हिसाब से नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य एवं सुरक्षा नियमों संबंधी सभी नियमों को दरकिनार कर कोविड-19 के उपचार के लिए स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, ताकि प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसकी घोषणा कर सकें। इसकी मानव जीवन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।’
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But…scientific advances can never be ‘made to order’.
Forcing the development of an indegenous vaccine as a cure for Covid-19, bypassing all health & safety norms, to be announced by PM Modi on Independence Day is fraught with horrendous human costs. #Covid_19 #Vaccine #ICMR pic.twitter.com/x2xbPFvRyy— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 4, 2020
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वही उन्होंने आईसीएमआर को निशाना साधते हुए कहा कि ” ‘आईसीएमआर’ ने कोविड-19 का स्वदेशी टीका चिकित्सकीय उपयोग के लिए 15 अगस्त तक उपलब्ध कराने के मकसद से चुनिंदा चिकित्सकीय संस्थाओं और अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें।”