Delhi: दिल्ली के लैंडफिल पर सियासत जोर पकड़ रही है ऐसे में दिल्ली नगर निगम ने इस कचरे का निवारण करने के लिए 44 टामाल मशीन स्थापित की है जो हर दिन 20000 से 22000 तक टन कचरा खत्म कर सकती है। दिल्ली में कम कचरे होने से लोग बीमारी से राहत ले पाएंगे। लोगों का कहना है कि कचरे से प्रदूषण भी फैलता है। तो दूसरी तरफ तमाम बीमारी का सामना करना पड़ता है।
आपको बता दें दिल्ली प्रतिदिन 11100 मेट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है। दिल्ली नगर निगम के पास इसमें 8219 मेट्रिक टन कचरे का निरस्तरण करने की क्षमता है। जोकि प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे का 45% निगम 557 टन कचरे प्रतिदिन कंपोस्टिंग संयंत्र प्रतिदिन एमआरएफ 740 प्रति दिन वेस्ट एनर्जी संयंत्र की सहायता से खत्म करता है जो ओखला गाजीपुर में स्थित है। लैंडफिल साइट 22 टन कचरा प्रतिदिन भलस्वा एवं 17 टन कचरा लेडी फिट साइट पर जाता है। अगले साल मई तक कुरे के पहाड़ खत्म करने की डेडलाइन पांच साल का लक्ष्य निर्धारित कीया गया हैं हालांकि उम्मीद जताई जा रही है की जल्द ही खत्म हो जाएंगे
सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिया बड़ा बयान
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मई 2024 तक दिल्ली सरकार का लक्ष्य ओखला लैंडफिल साइट के कूड़े को खत्म करने का है। दिल्ली सरकार कूड़ा निपटान की क्षमता बढ़ाकर समस्या का समाधान दिसंबर 2023 तक कर देंगे। ओखला लैंडफिल साइट दौरे के समय अरविंद केजरीवाल ने वहां कूड़े के निपटना के लिए लगाई गई बायो माइनिंग मशीन का काम भी देखा. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली से कूड़े के पहाड़ खत्म करना हमारी पहली जिम्मेदारी है। बता दें कि ओखला लैंडफिल साइट से अभी तक 20 से 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा चुका है, लेकिन अभी भी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि वह गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइट का भी दौरा एक से दो दिन में करेंगे।
एमसीडी चुनाव के दौरान किया था ये वादा
बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के पहाड़ को चुनावी मुद्दा बनाया था। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की थी कि अगर आम आदमी पार्टी एमसीडी की सत्ता पर काबिज हुई तो देश की राजधानी में रहनेवा वाले लोगों का कूड़ें के पहाड़ से हमेशा के लिए मुक्ति दिलाने का काम करेंगे।