महज 48 घंटे भी नहीं चला अफगान शांति समझौता, खोस्त में हुआ धमाका…

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Taliban Leader

पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त शहर के फुटबॉल मैदान में हुए धमाकें में तीन लोगों की मौत हो गई है. इस धमाके के तार किसी आतंकी संगठन से जुड़े हैं इसकी खबर लिखे जाने तक कोई पुष्टि नहीं हुई है न ही अबतक किसी संगठन ने जिम्मेदारी ली है. लेकिन इस धमाके ने उस शांति समझौते को बड़ा झटका दिया है, जो कतर की राजधानी दोहा में 29 फरवरी को तालिबान और अमेरिका के बीच हुआ था. अविश्वास और शक से भरा ये शांति समझौता 2 दिनों तक भी अफगानियों को शांति नहीं दे सका…

बता दें कि अमेरिका और कतर के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के तहत, सभी पक्षों की ओर से संघर्ष-विराम किया जाना था. लेकिन 2 मार्च को ही तालिबान ने युद्ध-विराम की इस संधि को ‘आंशिक’ तौर पर तोड़ने का ऐलान किया… और महज 48 घंटे के अंदर ही खोस्त में धमाका हुआ.

तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने कहा, ‘हिंसा में कमी लाने के लिए तय किया गया समय अब खत्म हो गया है. अब हमारी गतिविधियां पहले की तरह जारी रहेंगी. अमेरिका-तालिबान समझौते के तहत, हमारे मुजाहिदीन विदेशी सैनिकों पर हमला नहीं करेंगे. मगर अफगान सरकार पर हमारा हमला जारी रहेगा.’

अमेरिका-तालिबान समझौता टूटने की वजह-

अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते में यह प्रावधान है कि तालिबान अपने कब्जे से एक हजार अफगानी सैनिकों को रिहा करेंगे और अफगानिस्तान सरकार 5 हजार तालिबानी कैदियों को रिहा करेगी. लेकिन, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को इससे इनकार कर दिया है.

राष्ट्रपति अशरफ गनी का बयान-

राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने बयान में कहा है कि वह इस बारे में वादा नहीं कर सकते कि तालिबान कैदियों को छोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि यह अमेरिका नहीं बल्कि अफगानिस्तान के लोग तय करेंगे कि किसे छोड़ा जाए और किसे नहीं. राष्ट्रपति अशरफ गनी की इस घोषणा से तालिबान एक बार फिर तिलमिला गया. जिसके बाद ही खोस्त में धमाका भी हुआ.

दरअसल, तालिबान अफगानिस्तान सरकार से अपने लड़ाकों की कीसी भी सूरत में रिहाई चाहता है. इसके लिए वह अमेरिका और मौजूदा अफगानिस्तान सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. तालिबान की ओर से साफ तौर पर ऐलान किया गाया है कि कैदियों की रिहाई के बिना कोई शांति वार्ता नहीं होगी. वह चाहता है कि अशरफ गनी सरकार 10 मार्च तक 5,000 तालिबानी लड़ाकों को रिहा करे. इसके बाद शांति वार्ता आगे बढ़े…

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