खतरे में पाकिस्तान सरकार, मौलाना फजलुर ने दिया 48 घंटे का ये अल्टीमेटम

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के इमरान खान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, मौलाना फजलुर रहमान पीएम इमरान खान के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री - इमरान खान

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के इमरान खान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान की सबसे बड़ी धार्मिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के चीफ मौलाना फजलुर रहमान, प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं।

सरकार को मौलाना का अल्टीमेटम 

फजलुर रहमान ने सरकार को अल्टीमेटम देत हुए कहा, हम इमरान खान को दो दिन यानी 48 घंटे का वक्त देते हैं वे इस्तीफा दें और घर जाएं। मौलाना कहा कि पीएम इमरान ने मुल्क को बेच दिया है।

मौलाना फजलुर रहमान का आजादी मार्च शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंच गया। उन्होंने करीब दो लाख प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। इस दौरान मौलाना ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा, पाकिस्तान ने इमरान से ज्यादा बेगैरत प्रधानमंत्री नहीं देखा।

फजलुर रहमान को मिला इन नेताओं का साथ 

जानकारी के अनुसार, मौलाना के इस आजादी मार्च में नवाज शरीफ के भाई शहबाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने भी हिस्सा लिया।

बिलावल भुट्टो ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हम ऐसे प्रधानमंत्री को इज्जत नहीं दे सकते जो इलेक्टेड नहीं है, सिलेक्टेड है। विपक्ष के नेताओं को जेल भेजकर वे डेमोक्रेसी के नाम पर तानाशाही चला रहे हैं। अवाम भुखमरी की कगार पर है।”

फजलुर रहमान को इन नेताओं का मिला साथ 

मौलाना रहमान ने भी भुट्टो की बात का समर्थन किया। कहा, “इमरान ने हर मुद्दे पर लोगों को धोखा दिया। वे कश्मीर का राग अलापते हैं। भारत ने कश्मीर में जो कुछ किया। उसको रोक भी नहीं पाए।

मुस्लिम वर्ल्ड की बात करते हैं लेकिन यूएन में 5 मुल्कों का समर्थन हासिल नहीं कर सके। 48 घंटे का वक्त है। वे कुर्सी छोड़ें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति बनाकर आए हैं। खाली हाथ लौटकर जाने का इरादा नहीं है।”

दबाव में इमरान खान सरकार 

गौरतलब है कि तेजगाम एक्सप्रेस रेल हादसे में 75 लोगों की मौत से इमरान सरकार पर लगातर दबाव बढ़ रहा है। रेल मंत्री शेख रशीद ने इस्तीफा देने के देने के वजाह हादसे को हंसी में टाल दिया। उनकी इस गुस्ताखी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल, इमरान सरकार को अंदाजा नहीं था कि आजादी मार्च में इतनी बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

इमरान खान ने इस्तीफे से किया इनकार

पीएम इमरान खान का अंदाजा था कि 20 हजार लोग शामिल होंगे। लेकिन, इनकी तादाद करीब 2 लाख है। इस्लामाबाद की कानून व्यवस्था खतरे में पड़ गई है। वहीं इमरान खान ने शुक्रवार को इस्तीफे से इनकार करते हुए मौलाना को एक तरह से भारत का एजेंट बताया है। हालांकि, वो दबाव में है। इसका प्रभाव शुक्रवार को देखा गया जब पीएम ने तीन बार मंत्रियों के साथ बैठक की।

मौलाना फजलुर रहमान का विरोध क्यों ?

गौरतलब है कि वर्ष 2018 के आम चुनाव में इमरान खान के सत्ता पर काबिज होते ही फजलुर रहमान ने उनका विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि जिन चुनावों में बिना बहुमत हासिल किए सेना की रहम पर इमरान खान सत्ता में आ गए वह सब धांधली है। हालांकि, सरकार पर आए इस संकट को लेकर सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया की खबर नहीं है।

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