Delhi: बुधवार को भारत और चीन (India-China) के रक्षा मंत्री और दोनों देशों की सेनाओं का दल रूस (Russia) की विक्ट्री डे परेड (Victory Day Parade 2020) की परेड में शामिल हुए. मॉस्को (Moscow) में हुई इस परेड के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 105 जवान भेजे गए, जबकि भारत (Indian Army) ने परेड के लिए तीनों सेनाओं के 75 सैनिकों का दल भेजा था, जिसकी अगुवाई एक कर्नल रैंक के अधिकारी ने की.
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रुस के मॉस्को में आज भारतीय सेना (Indian Army) के दल का जोश दोगुना देखने को मिला. दूसरे विश्व युद्ध में सोवियत संघ की जीत के मौके पर ये विक्ट्री परेड (Victory Day Parade 2020) निकाली गई. पहले ये परेड मई में निकलनी थी, लेकिन कोरोना संकट की वजह से टल गई. रूस की राजधानी मास्को और सभी बड़े शहरों में हर साल मनाया जाने वाले विक्ट्री डे रूस में उत्सव की तरह मनाया जाता है. पहली विक्ट्री डे परेड 24 जून 1945 को हुई थी. मॉस्को के ऐतिहासिक रेड स्क्वायर पर शानदार विक्ट्री डे परेड निकाली गई थी.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग्हे इस समय रुस में मौजूद है लेकिन दोनों देश के मंत्रियों के बीच कोई मुलाकान नही होगी. हालाकि चीन का सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स का दावा था कि फेंग्हे और राजनाथ की मॉस्को में मुलाकात होगी, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच कोई मुलाकात नहीं होगी. वहीं, रूस के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के नाम का समर्थन किया. रूस के इस ऐलान से चीन को भी साफ संदेश पहुंच गया होगा कि भारत और रूस के संबंध कितने गहरे हैं.