लम्बे समय से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) की सदस्यता देने के प्रस्ताव को अमेरिकी सीनेट से मंजूरी मिल गयी है। नाटो में शामिल होने की दौड़ अब और भी तेज हो गई है। बीच युद्ध के दौरान ही फ़िनलैंड और और स्वीडन ने कई बार नाटो की सदस्यता लेने की कोशिश की। लम्बे कयासों के बाद आखिर अमेरिका ने हरी झंडी दिखा दी है।
रूस करता है हमेशा से विरोध
रूस (Russia) हमेशा से ही किसी भी देश के नाटो (NATO) में शामिल होने का विरोध करता रहा है। रूस (Russia) हमेशा ही इन देशों को चेतावनी देता रहता है अंजाम भुगतने की। उसने यूक्रेन (Ukraine) के साथ जो किया वो भी इसी का कारण है। यूक्रेन (Ukraine) और नाटो (NATO) के बीच नज़दीकियां काफी बढ़ रही थीं। रूस ने नाटो को कई बार चेताया कि यदि वह नाटो के साथ जाएगा तो उसे इसका अन्जाम भुगतना पड़ेगा।
यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमला करने की एक और वजह रही। रूस हमेशा से इन दोनों देशों को नाटो में शामिल करने का विरोध करता रहा है और इन्हें खामियाजा भुगतने की चेतावनी भी दे चुका है। रूस यूक्रेन को अपना अभिन्न अंग मानता है।
इसके बावजूद नाटो द्वारा फिनलैंड व स्वीडन का सदस्यता आवेदन स्वीकार किये जाने के बाद अब नाटो के सभी सदस्य देशों से सहमति प्राप्त करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे हैं। नाटो का सदस्य बनने के लिए नाटो में शामिल देशों की इजाज़त लेनी पड़ती है। फिलहाल दोनों देशों के बीच नाटो में सम्मिलित अभी आधे से ज्यादा देशों की मंज़ूरी है।
सदस्य देशों की सहमति की प्रत्याशा में ही अमेरिकी सीनेट में फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) को नाटो (NATO) में शामिल किये जाने का प्रस्ताव लाया गया। सीनेट में सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ओर से इन देशों को नाटो में शामिल किये जाने के फैसले का समर्थन किया गया। फिनलैंड और स्वीडन को नाटो (NATO) में शामिल करने के पक्ष में 95 सदस्यों ने मतदान किया, जबकि एक सदस्य इस फैसले से सहमत नहीं थे।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दी मंजूरी
इस तरह बहुमत के फैसले से अमेरिकी सीनेट ने फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) को नाटो की सदस्यता प्रदान किये जाने को सहमति प्रदान कर दी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने फ़िनलैंड और स्वीडन को जल्द ही नाटो में शामिल करने का ऐलान कर दिया है। सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने फिनलैंड और स्वीडन के अमेरिका स्थित राजनयिकों को मतदान देखने के लिए सीनेट में आमंत्रित किया है।