Delhi: बृहस्पतिवार को नेपाल की नेशनल असेम्बली (Nepal’s National Assembly) ने सर्वसम्मति से संविधान संशोधन विधेयक (Constitution Amendment Bill) को पारित कर दिया.ऐसा देश के राजनीतिक एवं प्रशासनिक नक्शे (Nepal’s New Map) में भारत के तीन क्षेत्रों को शामिल करने के लिए किया गया.
भारत ने शनिवार को नेपाल के नक्शे में बदलाव के लिए संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित किए जाने कहा कि यह कृत्रिम विस्तार साक्ष्य एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है.
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नेपाली संसद के ऊपरी सदन यानी नेशनल असेम्बली (Nepal’s National Assembly) ने संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इसके बाद नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नक्शे (Nepal’s New Map) को बदलने का रास्ता साफ हो गया है. सभी 57 मौजूद सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान किया. संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है.
इससे पहले 13 जून को नेपाल के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा विधेयक पेश किया गया और सदन में मौजूद सभी 258 सांसदों ने संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव के खिलाफ एक भी मत नहीं पड़ा।
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भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में उस वक्त तनाव पैदा हो गया था, जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था.
नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि यह सड़क नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. भारत ने नेपाल के दावों को खारिज करते हुए दोहराया कि यह सड़क पूरी तरह उसके भू-भाग में स्थित है.