भारत द्वारा जारी किए गए नए राजनीतिक नक्शे पर पाकिस्तान के बाद नेपाल ने भी विरोध जताया है। दरअसल, भारत द्वारा जारी नक्शे में कालापानी को भारतीय क्षेत्र में दिखाया गया है। इस पर आधिकारिक बयान जारी कर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई है।
बता दें कि नेपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम पूरी तरह से यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कालापानी नेपाल का अभिन्न हिस्सा है। इसके साथ ही नेपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करने को लेकर पूरी तरह से हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हम मित्र देशों के साथ कूटनीतिक वार्ता का रास्ता अपनाएंगे।
नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ”नेपाल और भारत के विदेश मंत्रियों के स्तर की साझा समिति ने दोनों देशों के विदेश सचिवों को अनसुलझे सीमा विवाद का समाधान निकालने की जिम्मेदारी दी है। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद द्विपक्षीय बातचीत और अपसी सहमति से सुलझाया जाना चाहिए, किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई नेपाल की सरकार को मंजूर नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि भारत की ओर से शनिवार को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के गठन के बाद नया नक्शा जारी किया गया था। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित कालापानी को भारत में दिखाए जाने पर नेपाल ने आपत्ति जताई है। नेपाल का मानना है कि कालापानी उसका हिस्सा है, उसके मानचित्र में कालापानी दारचूला जिले के हिस्से पर दिखाता आ रहा है।