पश्चिमी केन्या बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भूस्खलन से 34 लोगों की मौत हो गई है। दरअसल, केन्या के पश्चिमी इलाकों में लगातार बारिश होने से भूस्खलन होने लगा है।
केन्या के गृह मंत्री फ्रेड मातिआंगी ने कहा है कि पोकोट सेंट्रल जिले के करीब तकमाल इलाके में हुए भूस्खलन की वजह से 17 लोगों की मौत हो गई। वहीं दक्षिणी पोकोट में परूआ और तपाच गांवों में भूस्खलन की वजह से 12 लोगों की मौत हुई है।
पश्चिमी पोकोट काउंटी के कमिश्नर ओकेलो के मुताबिक, दो नदियों में बाढ़ आई थी जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए। कीटाले और लोडवार के बीच एक कार भी बाढ़ की चपेट में आ गई, जिसके बाद 5 अन्य लोगों की भी मौत हो गई है।
वहीं, पूर्वी अफ्रीका में सामान्य दिनों से अधिक बारिश होने की वजह से बाढ़ के हालात बन गए हैं। इस बाढ़ से वहां के 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। करोड़ों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। बारिश की वजह से होने वाली घटनाओं में बीते एक महीने के भीतर अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है।
मौमस वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सोमालिया, दक्षिणी सूडान और केन्या के कई हिस्सों में 4 से 6 सप्ताह से लगातार बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। नवंबर में होने वाली यह बारिश लोगों के लिए परेशानी बन गई है। सामान्य तौर पर इस महीने में इतनी भीषण बारिश नहीं होती है।
इंटरनेशनल रेसक्यू कमेटी का कहना है, इन क्षेत्रों में पहले सूखा पड़ा था, इससे भी लोग काफी प्रभावित हुए थे। अब सोमालिया, सूडान और केन्या में सामान्य से कहीं अधिक बारिश हो रही है। इस साल हो रही बारिश इन जगहों के लिए अप्रत्याशित है।
जानकारों का दावा है कि जलवायु परिवर्तन का बदलता स्वरूप प्रभावित कर रहा है। दरअसल, केन्या की सौ फीसदी कृषि बारिश पर निर्भर है।