3 जून को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने स्लोवाकिया की संस्था ग्लोबसेक में भारत की नीति को लेकर एक बयान दिया। इंडो-पैसिफिस के सहयोगियों के बीच अगले स्तर की दोस्ती पर बात करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि भारत की नीति से शायद कुछ देशों से सहमत नहीं है, इसलिए हमारी विदेश नीति बाड़ पर नहीं बैठी है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत की विदेश नीति पर बात करते हुए कहा, “मैं आपसे सहमत नहीं हूं, इसलिए मैं बाड़ पर नहीं बैठा हूं। इसका मतलब यह हुआ कि मैं अपनी ज़मीन पर हूं।”
रूस-यूक्रेन युद्ध पर किया गया था सवाल
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर सवाल पूछा गया था। सवाल था कि “क्या भारत उभरते हुए विश्व नेता के रूप में बाड़ पर बैठा रह सकता है? यानी भारत बिना कोई पक्ष लिए इस भूमिका में कैसे आएगा?”
#WATCH This is construct you're trying to impose on India. Don't think it's necessary for India to join any axis.India entitled to make its own choices which will be a balance of its values &interests:EAM on being asked about US-led axis & China as another potential axis in world pic.twitter.com/cFCiy3wneq
— ANI (@ANI) June 3, 2022
जयशंकर ने दिया जवाब
एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा, “हम एक टकराव में इसलिए आएं कि दूसरे में मदद मिलेगी, ये अब काम नहीं कर सकता। चीन के साथ हमारी कई समस्याएं हैं और इसका यूक्रेन, रूस के साथ कुछ लेना-देना नहीं है। ऐसे कई विषय हैं, जिन पर यूरोप ने नहीं बोला।”
यूरोप की समस्या दुनिया की समस्या नहीं है- विदेश मंत्री
एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि, “यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उसकी समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं। सच ये है कि यूरोप की समस्या पूरी दुनिया की समस्या नहीं है। यूक्रेन और रूस को लोग चीन से जोड़ रहे हैं। लेकिन लोग भूल जाते हैं कि चीन और भारत के बीच जो कुछ चल रहा है, वो यूक्रेन के पहले से है। मैं इस दलील को चतुर दलील नहीं मानता, आज दुनिया जिस भी बड़ी समस्याओं से जूझ रही है, उन सबका समाधान किसी न किसी रूप में भारत से आ रहा है।”
रूस से तेल खरीदने को लेकर भी बोले
रूस से तेल ख़रीदने पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा, “मैं इसमें बहुत दलील नहीं देना चाहता हूं। क्या रूस से गैस ख़रीदना युद्ध का वित्तपोषण नहीं है? केवल भारतीय पैसा और रूसी तेल जो भारत आ रहा है, वो युद्ध का वित्तपोषण है और रूस की गैस जो यूरोप जा रही है, वो युद्ध का वित्तपोषण नहीं है?”
Moderator: India sitting on fence..
EAM Jaishankar: I don't think we sitting on fence just bcz I dont agree with you..It means I am sitting on my ground..world can't be Euro centric. pic.twitter.com/5KbZgQ1UQe
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 3, 2022