राष्ट्रपति चुनाव में चीन का मुद्दा भुनाने की कोशिश में उम्मीदवार

अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के बाद किए गए एक सर्वे में अमेरिकी नागरिकों का गुस्सा उभर कर चीन के खिलाफ सामने आया था।

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United States Presidential election
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, ट्रंप या बाइडेन... किसकी होगी जीत?

Delhi: चीन (China) का मुद्दा अमेरिका (America) में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (United States Presidential Election) के लिए शीर्ष मुद्दों में से एक बना हुआ है। जिसके कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) और डेमोक्रेट जो बाइडेन (Joe Biden) चीन के खिलाफ जुबानी जंग में एक-दूसरे को पछाड़ने में लगे हुए हैं। दोनों खुद को चीन संबंधित मामलें निपटाने में बेहतर साबित करने में लगे है। ट्रंप के चुनावी अभियान प्रबंधकों ने इस तरह के विज्ञापन निकाले हैं, जिनमें बाइडेन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आवभगत में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ बाइडेन के चुनावी अभियान की ओर से ट्रंप को कोरोना वायरस को हल्के में लेते हुए महामारी के बारे में पारदर्शी रहने को लेकर जिनपिंग की सराहना करते हुए दिखाया गया है। जबकि, यह स्पष्ट है कि चीन ने महामारी के बारे में दुनिया के सामने विवरण देर से साझा किए।

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अमेरिका में विज्ञापनों की समीक्षा करने वाले रिपब्लिकन पोल्स्टर फ्रैंक ने कहा, ”मुझे लगता है कि कांटे का टक्कर होगा लेकिन मुझे नहीं पता कि इसका फायदा किसे मिलने जा रहा है? लेकिन जो व्यक्ति चीनी नेताओं के अधीन नजर आएगा, चुनाव में वह सबसे ज्यादा नुकसान में रहेगा।” फ्रैंक के अनुसार आने वाले राष्ट्रपति चुनाव (United States Presidential Election) में अर्थव्यवस्था और कोरोना वायरस से निपटने के कदमों के साथ ही चीन तीसरा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। मतदाताओं के बीच यह भी चर्चा का विषय रहेगा कि चीन के अनुचित व्यापार व्यवहार, बढ़ती वैश्विक नाराजगी और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ ट्रंप अथवा बाइडेन कौन सबसे मजबूत तरीके से अमेरिका को पेश कर सकता है?

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आपको बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के बाद किए गए एक सर्वे में अमेरिकी नागरिकों का गुस्सा उभर कर चीन के खिलाफ सामने आया था। इसके मुताबिक, 66 फीसदी लोगों ने चीन के खिलाफ नकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। वर्ष 2005 के बाद से यह चीन के खिलाफ अमेरिकी लोगों की सबसे खराब प्रतिक्रिया रही। ऐसे में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में संभावित उम्मीदवार चीन के खिलाफ खुद को एक-दूसरे से बेहतर विकल्प साबित करने में लग गए हैं।

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