Digital Payment: डिजिटल बैंकिंग से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में बीते कुछ सालों से लगातार ग्राफ बढ़ता जा रहा है। कभी एसएमएस फिशिंग तो कभी केवाइसी अपडेट या फिर आनलाइन लोन देने के नाम पर लोगों से ठगी हो रही है। मोबाइल बैंकिंग की पहुंच देश के लगभग सभी वर्गों तक हो चुकी है। इसका दायरा लगातार व्यापक हो रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस से डिजिटल भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।
लोगों के डिजिटल इंटरेस्ट को देखते हुए बड़ी संख्या में माइक्रो फाइनेंसिंग एप्स आ गए हैं। तो वहीं कुछ बेटिंग एप्स भी सक्रिय हैं। इस तरह के एप्स आम लोगों के लिए आर्थिक मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि डिजिटल तरीके ले लेनदेन के दौरान हमेशा सावधानी रखनी होगी।
कई माइक्रो फाइनेंसिंग एप्स केवाईसी या दस्तावेजों के सत्यापन के बगैर ही लोन देते है। तो आप सावधान हे जाए, क्योंकि ये लोन एप पहले ग्राहकों को फंसाते हैं, और फिर व्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं। इनसे कई स्तरों पर नुकसान हो रहा है।
मोबाइल बैकिंग ट्रोजन इंस्टालर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। बीते वर्ष 2023 में इनकी संख्या दो लाख से अधिक रही है, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। साइबर सुरक्षा कैसपर्स्काइ की मोबाइल थ्रेट रिपोर्ट, 2022 के अनुसार, मोबाइल बैंकिंग ट्रोजंस की संख्या पिछले छह वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर अपराधी मोबाइल बैंकिंग ट्रोजन के जरिये वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं।
आप ठगी से बचने के लिए करें ये काम
-आनलाइन सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं। इसमें कैरेक्टर, लेटर और नंबर को शामिल करें। आसान पासवर्ड की सेंधमारी आसानी से हो जाती है।
-अपने सिस्टम पर साफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। एंटी-वायरस और एंटी मालवेयर का जरूर इस्तेमाल करें।
-अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें और अनधिकृत लोन एप का उपयोग न करें।
-संवेदनशील डाटा चोरी न हो, इसके लिए फोन में एप की परमिशन सेटिंग जरूर चेक करें।