मौजूदा वक्त में हम कंप्यूटर का प्रयोग लगभग 24 घंटे करते हैं, चाहे हम घर पर हों या फिर यात्रा कर रहे हों, लेकिन लैपटॉप / कंप्यूटर का इस्तेमाल तो करते ही हैं। वहीं टेक कंपनियां भी लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए इन लैपटॉप में वाई-फाई और स्लीप मोड जैसे विशेष फीचर्स देती हैं। लेकिन इस डिवाइस का लापरवाही से प्रयोग करना काफी खतरनाक है।
दरअसल, लैपटॉप में आग लगने के वाकये सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार, इन घटनाओं में ‘स्लीप मोड’ को जिम्मेदार माना गया है। इस मोड से बैटरी को भी नुकसान होता है। जानकारों का मानना हैं कि लैपटॉप को स्लीप मोड की बजाय शटडाउन करना ज्यादा सुरक्षित विकल्प है।
स्लीप मोड-
गौरतलब है कि लोग बार-बार लैपटॉप को खोलने में लगने वाले समय से बचाने के लिए स्लीप मोड का प्रयोग करते हैं। जब लैपटॉप का इस्तेमाल देर तक नहीं होता है। तो डिवाइस अपने-आप स्लीप मोड में चला जाता है। इसके अलावा यूजर्स लैपटॉप को स्टार्ट बटन के जरिए स्लीप मोड में डाल सकते हैं। इस फीचर से लैपटॉप की बैटरी पर जोर पड़ता है और आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।
स्लीप मोड से होते हैं ये नुकसान-
अधिक वक्त तक लैपटॉप को स्लीप मोड रकने से बैटरी का बहुत नुकसान होता है, जल्दी खराब हो जाती है।
स्लीप मोड से लैपटॉप के सीपीयू और मॉनीटर पर बुरा असर पड़ता है।
स्लीप मोड से लैपटॉप की बैटरी गर्म होने के कारण आग लग सकती है।
स्लीप मोड से लाभ-
स्लीप मोड से लैपटॉप की बैटरी की खपत कम होती है, डिवाइस को दोबारा ऑन भी नहीं करने की जरूरत पड़ती है, यूजर्स स्लीपिंग मोड के जरिए वहां से काम शुरू कर सकते हैं, जहां से उन्होंने कार्य छोड़ा था। लैपटॉप को अधिक चार्ज भी नहीं करना चाहिए। इससे बैटरी बहुत गर्म हो जाती है और इसमें आग लग सकती है।
हाइबरनेशन मोड –
यूजर्स को लैपटॉप पर स्लीप मोड की बजाय हाबरनेशन मोड का उपयोग करना चाहिए । इस मोड से लैपटॉप की बैटरी को नुकसान नहीं पहुंचता है। यूजर्स इस फीचर से लैपटॉप पर चल रहे काम को स्नैपशॉट विंडो पर सेव कर सकते है। हाइबरनेशन स्लीप मोड की तुलना में अधिक सही काम करता है। इस फीचर से लैपटॉप की बैटरी लाइफ भी बढ़ती है।
यदि लैपटॉप में हाइबरनेशन मोड एक्टिवेट करना है, तो पहले की-बोर्ड पर स्टार्ट+आर बटन एक साथ दबाना होगा। अब आपके सामने विंडो पावर का ऑप्शन आएगा, जिसमें आप पावर बटन के से स्लीप मोड की जगह हाइबरनेशन मोड को चुन सकते है।