Beijing: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) इन दिनों तिब्बत को लेकर काफी परेशान हैं। चीन ने तिब्बत में आधुनिक समाजवाद की स्थापना का आह्वान किया (Xi Jinping Tension on Tibet) है। शी जिनपिंग ने अलगाववादियों और प्रगतिवादियों के बीच अभेद्य दीवार खड़ी करने की बात भी कही है। तमाम कोशिशों के बावजूद तिब्बतियों का मन बदलने में नाकाम रहे चीन को अलगाववाद की टेंशन है।
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तिब्बत वर्क (Tibetan) पर सातवें केंद्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने कहा कि ऐसे तिब्बत का निर्माण करने के प्रयास किए जाने चाहिए, जो संयुक्त, संपन्न, सांस्कृतिक रूप से उन्नत और सुंदर हो। यह तिब्बत पॉलिसी पर देश का सबसे अहम मंच है जिसपर 2015 के बाद पहली बार चर्चा हुई है।
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शी जिनपिंग ने लोगों को जागरूक करने का आदेश देते हुए कहा कि क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए अलगाववाद के खिलाफ अभेद्य किले का निर्माण करें। बता दें कि भारत-चीन के बीच सीमा का अधिकांश हिस्सा तिब्बत से ही जुड़ा हुआ है, जिस पर 1950 में चीन ने कब्जा जमा लिया था। इसी सीमा पर पूर्वी लद्दाख में जून में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
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वहीं जिनपिंग ने भारत के साथ लगी सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया और कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा होनी चाहिए। भारत-चीन के बीच हुई झड़प के बाद से रिश्तों को सुधारने के लिए दोनों ही देशों के बीच कई स्तर की बातचीत हुई, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भी तिब्बत के मुद्दे को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है।