देश की राजधानी में Single Use Plastic Ban, नियम के पालन ना करने पर लगेगा 1 लाख रुपये का जुर्माना, 5 साल की होगी सज़ा

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Single Use Plastic Ban
Single Use Plastic Ban

Single Use Plastic Ban: देश में भले ही राजनीतिक मतभेद हों, लेकिन जहां बात वातावरण की आती है, सभी लोग उसपर एक होकर काम करने लगते हैं। वातावरण को सुरक्षित और साफ रखने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। जरूरत है तो बस जनता के सहयोग की। इसी क्रम में देश की राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 तरह के उत्पाद बैन कर दिए गए।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े उत्पादों को 1 जुलाई से बैन कर दिया गया है, और आदेशों को पालन नहीं करने पर कार्रवाई भई होगी। उन्होंने कहा कि “सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित उत्पाद के इस्तेमाल करने पर 1 लाख रु तक का फाइन लग सकता है या 5 साल की जेल भी हो सकती है।”

आपको बता दें कि ये कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत की जाएगी। दिल्ली में लेनदार और खरीदार , दोनों ही प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

इन उत्पादों पर लगाया बैन

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किन उत्पादों पर बैन किया गया है। इन उत्पादों में Earbuds with plastic sticks, Balloon sticks, Plastic flags, Lollipops sticks, Ice cream sticks, Thermocol decorations, Plates, Cups, Glasses, Forks, Spoons, Knives, Straws, Trays, Cans for sweets, invitation cards, cigarette packets, plastic and PVC banners, 100 microns से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और PVC बैनर शामिल हैं। नियमों का उल्लंघन कर इनका इस्तेमाल करने पर जुर्माने का प्रावधान है।

इन वस्तुओं का करें इस्तेमाल

Single Use Plastic पर Ban लगाने के बाद जनता को इसके रिप्लेसमेंट के लिए भी ऑपश्न दिए गए हैं। जनता सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों के स्थान पर कागज, जूट, कांच, लकड़ी आदि से बने उत्पादों का उपयोग कर सकती है। स्टेनलेस स्टील से बने उत्पादों और बांस से बने उत्पादों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

नियम के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

1 जुलाई के आम लोग बैन प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं सकेंगे। नियम का पालन नहीं करने पर 500 से 2000 रु का जुर्माना लगेगा। औद्योगिक स्तर पर इसका products, imports, warehousing और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण Act-1986 की धारा-15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे लोगों पर 20 हजार रु से लेकर 1 लाख रु तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा 5 साल की जेल या दोनों सजाएं भी दी जा सकती है। इसके अलावा उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जुड़े उद्योगों को बंद करने जैसी कार्रवाई का भी प्रावधान शामिल है।

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