Ram Mandir Update: रामलला साल 2024 में मकर संक्रांति के दिन मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। इसके साथ ही यहां रामलला का दर्शन-पूजन शुरू हो जाएगा। वहीं इससे पहले मुख्य मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। बता दें की श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की रविवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी। बैठक में मंदिर के रामलला की मूर्ति के निर्माण पर भी मंथन हुआ। इसके साथ ही मंदिर के निर्माण का बजट 400 करोड़ से बढ़ाकर 1800 करोड़ रुपये हो गया है।
इस ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के मुताबिक बैठक में 3 मुख्य मुद्दों पर आखिरी फैंसला किया गया। उन्होंने बताया कि मंदिर के बाईलॉज को लेकर कई सुझाव मिले थे। बैठक में इसका अंतिम रूप दिया गया।
7 और मंदिर बनाने पर भी लगी मुहर
वहीं अब इसके भविष्य का कामकाज बाईलॉज के मुताबिक होगा। बाईलॉज में मंदिर मैनेजिंग कमिटी को उप समितियां गठित करने के अधिकार दिए गए हैं। बैठक में इसके अलावा मंदिर के बजट तथा 7 और मंदिर बनाने पर भी मुहर लगाई गई है।
चंपत राय के बताया की मंदिर के 70 एकड़ परिसर में सात और मंदिर भी बनाए जाएंगे। ये मंदिर महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, माता शबरी, निषाद राज और जटायु के होंगे। ये कहां-कहां बनेंगे, इस पर भी आखिरी फैसला हो गया है।
‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र‘ रखा गया ट्रस्ट का नाम
वहीं इस बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि और महासचिव चंपत राय समेत 10 ट्रस्टी शामिल हुए, जबकि 4 ट्रस्टी ऑनलाइन जुड़े थे। इस तरह बैठक में 15 में से 14 ट्रस्टी शामिल हुए। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि ज्ञानेश कुमार व्यस्तता के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके। ट्रस्ट का नाम ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया।