Pregnancy Amendment Bill 2020: छठे महीने भी अबाॉर्शन को मंजूरी, राज्यसभा से भी पास हुआ बिल

Written by- Neha Designation- Internship राज्यसभा ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट बिल 2020 (Medical termination of Pregnancy Amendment Bill 2020) पारित कर दिया है।

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Rajya Sabha
छठे महीने भी अबाॉर्शन को मंजूरी, राज्यसभा से भी पास हुआ बिल

New Delhi: राज्यसभा (Rajya Sabha) ने मंगलवार को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट बिल 2020 (Medical termination of Pregnancy Amendment Bill 2020) पारित कर दिया है। इस बिल में गर्भपात की मंजूर कानून सीमा को 24 हफ्ता करने का प्रावधान रखा गया है। मौजूदा समय में यह समयसीमा 20 हफ्ता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस दौरान कहा कि इस बिल को काफी बातचीत के बाद लाया गया है। ये बिल पिछले साल से ही लंबित था क्योंकि लोकसभा इसको पिछले साल ही पास कर चुकी थी।

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डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने राज्‍यसभा (Rajya Sabha) में यह भी जानकारी दी है कि इस विधेयक को तैयार करने के लिए दुनियाभर के कानूनों का अध्‍ययन भी किया गया है। उनके जवाब के बाद ही इसे राज्‍यसभा में पास कर दिया गया।

गौरतलब है कि गर्भपात से संबंधित मौजूदा कानून की वजह से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित महिला या दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिस पर राज्यसभा सदस्यों के एक वर्ग ने इस विधेयक को सदन की प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी विशेषज्ञों ने इस विधेयक के पारित होने पर कहा कि गर्भपात कानून में बदलाव की बहुत जरूरत थी।

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इस तरह के कानून से दुष्कर्म पीड़िता, और कमजोर लड़कियों को मदद मिलेगी। हालांकि इतने ज्यादा समय में अबॉर्शन कराने पर महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर बड़ी चुनौती माना जा रहा है। जिसके लिए कोर्ट ने 2 से 3 डॉक्टरों की देखरेख में अबॉर्शन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही किसी विशेष परिस्थिति के लिए कोर्ट की भी इजाज़त लेनी पड़ेगी।

केस से जुड़े डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों में कुछ शारीरिक और मानसिक समस्याओं का देर से पता चलता है। दिल से जुड़ी दिक्कतें भी अक्सर 22 या 24 हफ्तों में पता चलती हैं और लेवल टू स्कैन कराने का सबसे अच्छा समय 18 से 22 हफ्ते है। यह जन्मजात बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस परिस्थिति के लिए कोर्ट के आदेश को सही माना जा रहा है।

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