Rajasthan News: देशभर में आज से पांच दिनों तक चलने वाले प्रकाश पर्व दिवाली की शुरूआत हो गई है। देश में आज धूमधाम से धनतेरस मनाई जा रही है। दिवाली से ठीक पहले राजस्थान से बड़ी खबर सामने आई है। बारां में 250 हिन्दूओं ने हिन्दू धर्म का त्याग किया है। देवी देवताओं की प्रतिमाओं को नदी में प्रवाहित किया है।
250 लोगों ने छोड़ा हिन्दू धर्म
देवी-देवताओं की प्रतिमा को नदी में प्रवाहित करने के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया है। बता दे कि, बारां जिले के भूलोन गांव में एक पखवाड़े पूर्व स्वर्ण समाज के लोगों द्वारा दलित युवकों के साथ मारपीट की गई थी। जिससे आहत होकर दलित परिवारों ने शुक्रवार को हिंदू धर्म का त्याग कर दिया और बौद्ध धर्म अपना लिया। अपने घरों से देवी-देवताओ की प्रतिमा और चित्र नदी में विसर्जित कर दिए। यहां दलितों का राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश भी जमकर फूटा है।
प्रताड़ित होने के बाद छोड़ा धर्म
जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने बताया कि भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल द्वारा मां दुर्गा की आरती की गई थी। इससे आक्रोशित सरपंच प्रतिनिधि राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने दोनों दलित युवकों के साथ मारपीट की थी। समाज द्वारा राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई परंतु पुलिस द्वारा सरपंच प्रतिनिधि के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
प्रशासन से प्रताड़ित परिजनों और ग्रामीणों ने शुक्रवार को गांव से गली-मोहल्लों से होती हुई आक्रोश रैली निकाली गई। वही, बैथली नदी पर पहुंचकर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को निकाल नदी में विसर्जन कर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं लेकर हिंदू धर्म छोड़ बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ ली। बैरवा ने बताया कि दलित परिवार को लगातार जाने से मारने और गांव से बाहर निकालने की धमकियां दी जा रही हैं।
आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग
पीड़ितों का कहना है कि, अगर आरोपी को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो उपखंड कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। यहां उन्होने राज्य में कानून व्यवस्था ठप होने और दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ने के आरोप लगाएं। इस अवसर पर रमेश मेराठा, बद्रीलाल बैरवा (छीपाबड़ौद), छीतरलाल बैरवा, पवन, रामहेत बैरवा, महेंद्र मीणा (तुर्कीपाड़ा) आदि मौजूद रहे।