विश्व भर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. इस मौके पर अलग- अलग क्षेत्रों में सशक्त हो रही महिलाओं की प्रेरक कहानी चर्चा का विषय रहीं… वैसे तो हमारे देश की महिलाओं ने हमेशा अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया है… लेकिन महिला दिवस पर यहां हम आपको प्रेरणा की श्रोत एक महिला कमांडो की जांबाजी की कहानी बताने जा रहे हैं…
एक गर्भवती महिला एके 47 हाथ में लिए, सामान से भरा करीब 15 से 20 किलो का बैग कंधों पर लटकाकर नक्सलियों से लोहा लेने जंगलों में निकलती है… ये बात आपको अविश्वसनीय लग सकती है…
दरअसल, ये कहानी है दंतेवाड़ा की डीआरजी दंतेश्वरी फाइटर्स कमांडो सुनैना पटेल की…जो महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी मिसाल हैं. उनके जज्बे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि गर्भवती होने के बाद भी सुनैना ने नक्सलियों के खिलाफ मिशन को नहीं छोड़ा, बल्कि गर्भावस्था में और ज्यादा काम किया.
Sunaina Patel, 8-month-old pregnant woman deployed as Danteshwari fighter in District Reserve Guard to combat Naxals in Chhattisgarh’s Dantewada: I was 2-months pregnant when I joined. I never refused to perform my duties. Today also if I’m asked I’ll do it with utmost sincerity. pic.twitter.com/6tUOruZsbz
— ANI (@ANI) March 8, 2020
सुनैना भारी बोझ अपने कंधों पर लटकाए नदी, नालों, जंगल, पहाड़ों को पार कर पैदल कई किलोमीटर चलकर नक्सल ऑपरेशन में शामिल होती रही हैं. सुनैना की बदाहुरी का हर कोई कायल है…
सुनैना के हवाले से मिली खबर के अनुसार, डीआरजी टीम गठित होने के करीब एक महीने बाद वह गर्भवती हो गई थीं. उन्होंने अधिकारियों से इस बात को नहीं बताया ताकि वह नक्सल ऑपरेशन पर जा सकें. अगर वह गर्भवती होने की जानकारी देती तो उन्हें नक्सल ऑपरेशन पर जाने से रोक दिया जाता. सुनैना ने करीब साढ़े 6 महीने बाद अधिकारियों को गर्भवती होने की जानकारी दी गई.
सुनैना ने कहा कि अब भी जहां भेजें वहां जाने को तैयार हूं. एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने भी सुनैना की तारीफ करते हुए कहा कि वह इस टीम की काफी तेज तर्रार महिला कमांडो हैं. काम करने का जुनून है. जब उनके गर्भवती होने का पता चला तो स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए ऑपरेशन पर भेजना बंद किया.
मालूम हो कि मई 2019 में महिला पुलिसकर्मी व सरेंडर नक्सलियों को मिलाकर महिला डीआरजी की टीम गठित की गई थी. इसमें महिला पुलिसकर्मी सुनैना भी शामिल हैं. बता दें कि दंतेवाड़ा प्रदेश का इकलौता ज़िला है जहां महिला डीआरजी की टीम भी है, जो नक्सल ऑपरेशन के लिए जंगलों में जाती है. इस टीम में शामिल होने के करीब महीने भर बाद सुनैना गर्भवती हो गई थीं. इसकी जानकारी साढ़े 6 महीने बाद अधिकारियों दी गई, लेकिन अब उन्हें ऑपरेशन पर भेजना बंद कर दिया है…