New Delhi: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार (Pranab Mukherjee Funeral) आज लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में कर दिया गया है। 84 साल के प्रणब मुखर्जी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहें थे। जिसके बाद सोमवार शाम उनका निधन हो गया। उन्हें (Pranab Mukherjee) 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में प्रणब मुखर्जी के फेफड़ों में संक्रमण भी हो गया था।
Delhi: Mortal remains of former President #PranabMukherjee brought to Lodhi Crematorium. His last rites are being performed. pic.twitter.com/w5sSBKd8Kp
— ANI (@ANI) September 1, 2020
इस बीच प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने (Pranab Mukherjee Funeral) के लिए कई राज नेता पहुंचे। जिनमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राहुल गांधी,ओम बिड़ला, ज्योतिरादित्य सिंधिया, उप राष्ट्रपति वंकैया नायडू, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डॉक्टर हर्षवर्धन, और भी कई बड़े राजनेता और सेना के अधिकारी श्रद्धांजलि देने 10 राजाजी मार्ग पहुंचे थे।
Paid tributes to respected Shri Pranab Mukherjee. He would be remembered by generations for his efforts towards India’s progress. pic.twitter.com/bThLb5GW9N
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2020
Delhi: President Ram Nath Kovind paid last respects to former President #PranabMukherjee at his residence, 10 Rajaji Marg today. pic.twitter.com/RzYzQCI24P
— ANI (@ANI) September 1, 2020
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने प्रणब मुखर्जी की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि पूरे देश के लिए गहरे दुख और सदमे की बात है कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी हम सबके बीच में नहीं रहे। सबको साथ रखने की कला में प्रणब मुखर्जी को महारत थी। जब सत्ता में थे तो विपक्ष के लोगों के साथ तालमेल बिठाने में वो हमेशा काम करते रहे। जब विपक्ष में रहे तब रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने में भी कभी पीछे नहीं हटे। बता दें कि अमित शाह लंबे समय से एम्स में भर्ती थे, और सोमवार को ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है।
For decades, Former President, Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee ji worked relentlessly towards strengthening the nation. Be it in government or in opposition, he took everyone along.
His immense contributions will never be forgotten.
My deepest condolences. pic.twitter.com/5dFvaPWIFb
— Amit Shah (@AmitShah) September 1, 2020
बता दें कि 11 दिसंबर 1935 में भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का जन्म हुआ था, उनके जान के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। नेताओं से लेकर आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है। प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे। उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने विदेश से लेकर रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री तक की भूमिका निभाई।