New Delhi: शिव जी को प्रसन्न करने और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, हर महीने की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2021 Date) आता है। इस साल का पहला प्रदोष व्रत 10 जनवरी यानी रविवार को रखा जाएगा। वहीं रविवर को पड़ने की वजह से इसे रवि प्रदोष भी कहा जाता है।
क्यों किया जाता है प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
बता दें कि हर महीने प्रदोष व्रत दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन आता है। इस दिन विधि विधान के साथ व्रत कर भगवान शिव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन (Pradosh Vrat 2021) शिव की अराधना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते है और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
प्रदोष व्रत शुभ मुहर्त (Pradosh Vrat 2021 Shubh Muhurat)
प्रारम्भ- 10 जनवरी, शाम 04:52 मिनट
समाप्त- 11 जनवरी, 02: 32 मिनट
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प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat 2021 Puja Vidhi)
1. इस दिमन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें।
2. पूजा में पंचामृत का प्रयोग जरूर करें।
3. इसके बाद भगवान शिव को भोग लगाएं।
4. भगवान शिव को बेल पत्र, धतूरा, चावल, फूल, धूप, दीप आदि चढ़ाएं।
5. भगवान शिव का मंत्र जपें व व्रत का संकल्प लें।
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