Delhi: देश और दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Virus) की वैक्सीन बनाने की कोशिशें जारी है. इसी कड़ी में अमेरिका में भी कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए कई वैक्सीन (Corona Vaccine) के ट्रायल चल रहे हैं. वही दुसरी ओर अमेरिका ने वैक्सीन लगवाने वाले स्वस्थ वॉलंटियर्स को संक्रमित करने के लिए एक नया कोरोना वायरस स्ट्रेन (New Corona Virus) तैयार कर रहा है. जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी सरकार की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि ह्यूमन चैलेंज ट्रायल (Human Challenge Trail) के लिए काम शुरू किया गया है.
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आपको बता दें कि आमतौर पर वैक्सीन के ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स को खुराक दी जाती है. और फिर इंतजार किया जाता है कि उनमें से कुछ लोग खुद वायरस के संपर्क में आ जाएं. जो लोग वायरस के संपर्क में आते हैं, उनके शरीर पर पड़े प्रभाव का विश्लेषण किया जाता है. अगर वे बीमार नहीं होते हैं तो वैक्सीन को सफल माना जा सकता है. लेकिन वॉलंटियर्स के खुद से वायरस के संपर्क में आने और ट्रायल में देरी के कारण एक नया कोरोना वायरस स्ट्रेन (New Corona Virus) तैयार किया. इसे ह्यूमन चैलेंज ट्रायल कहते हैं और इसको लेकर विवाद भी रहा है. ह्यूमन चैलेंज ट्रायल में शामिल होने वाले लोगों की जान को खतरा भी हो सकता है, क्योंकि वैक्सीन सुरक्षा प्रदान करेगी, इसको लेकर गारंटी नहीं दी जा सकती.
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जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में नया कोरोना वायरस स्ट्रेन तैयार करने का काम अभी शुरुआती दौर में है. अगर वैज्ञानिक एक ऐसा कोरोना वायरस स्ट्रेन तैयार करते हैं जो मूल वायरस के मुकाबले कम खतरनाक है तो ट्रायल आसान हो सकता है. वहीं, वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनका और जॉनसन एंड जॉनसन ने भी कहा है कि जरूरत पड़ी तो ह्यूमन चैलेंज ट्रायल पर विचार किया जाएगा. जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की वैक्सीन रिसर्चर एन्ना डर्बिन का कहा है कि ह्यूमन चैलेंज ट्रायल शुरू करने में भी 9 से 12 महीने का समय लग सकता है और फिर रिजल्ट जमा करने में भी छह महीने का वक्त लगेगा.