वार्ताकारों ने कहा- प्रोटेस्ट की इजाजत है, पर किसी का रास्ता रोकने का अधिकार नहीं

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संजय हेगड़े संग साधना राम चंद्रन

नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता समशोधन कानून के खिलाफ चल रहे धरने को खत्म कराने के लिए और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार वकील संजय हेगड़े और साधना राम चंद्रन शाहीन बाग पहुंचे और उनसे बात करने की कोशिश की।

इस मामले में वार्ताकारों ने कहा कि हम प्रदर्शनकारियों से मीडिया की मौजूदगी में बात नहीं करना चाहते हैं। मीडिया पहले हमें प्रदर्शनकारियों से बात करने दें, उसके बाद हम इसकी जानकारी मीडिया को देंगे। वहीं, मीडिया कर्मियों की मांग है कि उन्हें सवाल पूछने दिए जाएं। हालांकि, वार्ताकारों ने कहा कि हम मीडिया को बाद में ब्रीफिंग दे देंगे। वहीं, प्रदर्शनकारियों का भी यह कहना है कि मीडिया को यहां रहने दिया जाए।

वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि हम आपको यहां सुनने आए हैं। इसके साथ ही संयज हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी सुनाया। उन्होंने कहा कि प्रोटेस्ट की इजाजत सबको है, लेकिन किसी को रास्ता रोकने का अधिकार नहीं हैं। संजय हेगड़े ने आगे कहा कि हम यहां फैसला सुनाने नहीं आए हैं, बल्कि आपसे बात करने आए हैं।

इस मामले में सीनियर एडवोकेट साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि आप आंदोलन कर सकते हैं. लेकिन हक वहीं तक होना चाहिए, जहां दूसरों का हक न रुके। प्रदर्शन करना लोगों का हक है लेकिन रोड ब्लॉक करना, मेट्रो रोकना, पब्लिक वे रोकना सही नहीं है।

आगे उन्होंने कहा कि इस मामले में हल मिलकर निकालें। उन्होंने कहा ऐसा हल निकालें जो लोगों के लिए उदाहरण बने। साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़ने ने कहा कि हम मीडिया के बिना बातचीत करेंगे। आपको बता दें कि शाहीन बाग पहुंचने से पहले उन्होंने ट्वीट कर लोगों से सुझाव मांगा था।

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