Navjot Singh Siddhu Jail: क्या जेल जाएंगे सिद्धू? 34 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

0
437

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रेसिडेंट नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu Jail) को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ा झटका लगा है। 34 साल पुराने एक रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सख्त सजा सुनाई है। रोडरेज का ये मामला साल 1988 का है।

सिद्धू को कठोर कारावास की सजा

34 साल पुराने रोडरेज मामले में सिद्धू के हमले में एक बुजुर्ग की जान चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले सुनवाई करने के दौरान सिद्धू पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। लेकिन रोड रेज मामले में जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी। परिवार की मांग है कि हाईकोर्ट की तरह सिद्धू को 304 IPC के तहत कैद की सजा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मृतक के परिवार की इस याचिका को स्वीकार कर लिया।

अब उसपर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल तक कठोर कारावास (Navjot Singh Siddhu Jail) की सजा सुनाई गई है। पंजाब पुलिस को हिदायत दी गई है कि इस मामले में सभी एक्शन कानून का पालन करते हुए लेना होगा। नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल पटियाला में मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले सिद्धू ने सुबह में हाथी पर बैठकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

1988 में बुजुर्ग से झगड़ा हुआ था

नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। पटियाला में पार्किंग को लेकर सिद्धू का एक 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से झगड़ हो गया। इस झगड़े में दोनो के बीच हाथापाई की खबरें भी सामने आई। इस हाथापाई में सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मारा, जिसके बाद बुजुर्ग की मौत हो गई। पुलिस ने बाद में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया।

सेशन कोर्ट ने किया था बरी, हाईकोर्ट ने सुनाई सजा

ये मामला जब अदालत में पहुंचा तो सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए 1999 में सिद्धू को बरी कर दिय। सेशन कोर्ट के इस फैसले से नाराज मृतक के परिवार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने भी जुर्माना लगाकर छोड़ा

पीड़ित परिवार हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश था और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। 16 मई साल 2018 में सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304IPC से बरी कर दिया। लेकिन इसी दौरान सिद्धू पर IPC की धारा 323 लगा दी गई। इस धारा के तहत नवजोत सिंह सिद्धू को चोट पहुंचाने के मामले में दोषी ठहरा दिया गया। इस धारा के तहत सिद्धू को सजा नहीं हुई, बल्कि सिर्फ एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।

नवजोत सिंह सिद्धू ने क्या कहा 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा पर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा, “वो खुद को कानून के हवाले कर देंगे।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here