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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिपॉजिट लॉकर और सेफ कस्टडी आर्टिकल की सुविधा को लेकर नियम में बदलाव किए है। इस बदलाव के साथ इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को ध्यान में रखा गया है। अगर आपने किसी बैंक के साथ लेन-देन किया है तो सभी नियमों का पालन (Bank Locker Rules) करना होगा। ये सुविधा लेने के लिए बैंक अकाउंट जरुरी है। ये आदेश 2022 से लागू होने जा रहा है।
लॉकर देने के वक्त बैंक टर्म डिपॉजिट ले सकते है
बता दें कई बार कस्टमर लॉकर को अपडेट नहीं करता या ऑपरेट नहीं करता और न ही रेंट का भुगतान करता है। ऐसे में बैंक अब टर्म डिपॉजिट ले सकते है। ये डिपॉजिट तीन साल के रेट (Bank Locker Rules) के बराबर होता है। हालांकि बैंकों के मौजूदा लॉकर होल्डर्स और ऑपरेटिव अकाउंट रखने वालों को टर्म डिपॉजिट नहीं भरना होगा। अब बैंक को हर चीज का नोटिफिकेशन आने लगेंगे। साथ ही ग्राहकों को लॉकर बदलने या बंद करने का विकल्प देने के साथ कम से कम दो महीने पहले जानकारी देनी होगी।
बैंक का देनदारी रेंट कितना देना होगा
भूकंप, बाढ़, बीजली गिरने या तूफान के वक्त बैंक जवाबदेह नहीं होगा। बैंक के कर्मचारी की ओर से की गई धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान की स्थिति में बैंक की देनदारी लॉकर के मौजूदा रेंट के 100 गुना तक राशि के बराबर होगी। बैंकों से नॉमिनेशन और नॉमिनी को लॉकर का सामान देने की पॉलिसी बनाने के लिए भी कहा गया है।
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