Uttar Pradesh: श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर दायर याचिका में 30 सितंबर को सुनवाई (Krishna Janmabhoomi Case) होगी। दरअसल, मथुरा की अदालत में दायर हुए एक सिविल मुकदमे में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर की 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है। इसके साथ ही मंदिर स्थल से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की अपील की गई है।
आज 28 सितंबर को हुई सुनवाई में एडीजी छाया शर्मा ने मामले को सुनवाई (Krishna Janmabhoomi Case) के लिए मंज़ूर कर लिया। अब 30 सितंबर से सुनवाई की प्रक्रिया और बहस शुरू होने के आसार हैं। इस याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया गया है। इसी याचिका के आधार पर मालिकाना हक मांगा जा रहा है। 30 सितंबर को भगवान राम की जन्मभूमि को लेकर उत्तर प्रदेश की दो जिला अदालतों में कानूनी प्रक्रिया चलेगी।
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लखनऊ में 28 साल पहले ध्वस्त किए गए कृष्ण जन्मभूमि के विवादित ढांचे के (Krishna Janmabhoomi Case) सिलसिले में दर्ज मुकदमों पर फैसला किया जाएगा। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो जाने के बाद अब श्रीकृष्ण के भक्तों ने भी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बने शाही ईदगाह मस्जिद को वहां से हटाने की मांग की है। जिसकी सुनवाई आज हुई थी। लेकिन अभी कोई समाधान नही निकला।
याचिका में यह दावा भी किया गया कि मंदिर परिसर का प्रशासन संभालने वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने संपत्ति के लिए शाही ईदगाह ट्रस्ट (Krishna Janmabhoomi Case) से एक अवैध समझौता किया। आरोप लगाया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान श्रद्धालुओं के हितों के विपरीत काम कर है इसलिए धोखे से शाही ईदगाह ट्रस्ट की प्रबंध समिति ने कथित रूप से 1968 में संबंधित संपत्ति के एक बड़े हिस्से को हथियाने की कोशिश की गई है।
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