New Delhi: हर साल 19 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day 2020) मनाया जाता है। हालांकि जिस उत्साह के साथ महिला दिवस मनाया जाता है, उस तरह का क्रेज पुरुष दिवस पर देखने को नहीं मिलता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है। भारत में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस साल 2007 मनाया गया था।
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आपको बता दें कि 80 देशों में 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी सहयोग प्राप्त है। इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम है, “बेटर हेल्थ फॉर मेन एंड बॉयज” (Better Health for Men and Boys)। इस थीम का मकसद उन पुरुषों और लड़कों को महत्व देने और मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो विश्व स्तर पर पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम और सुधार कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
1923 में कुछ पुरुषों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की थी। इसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखते हुए कहा था कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है। यह प्रणाली महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाती है लेकिन पुरुषों के लिए वो किसी प्रकार का दिन नहीं मनाती।
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अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day 2020) की शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी। इसकी परियोजना की कल्पना 8 फरवरी 1991 को की गई थी। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 1999 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्ट इंडीज के एक इतिहास व्याख्याता डॉ. जीरोम तिलक सिंह द्वारा त्रिनिदाद बारगो में आयोजित किया गया था। तभी से 19 नवंबर को पूरे विश्व में उनके पिता के जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।
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