इस अफ्रीकी चूहे को मिला गोल्ड मेडल, जानें क्या है वजह

कंबोडिया में एक चूहे ने अपने सूंघने की क्षमता से 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया था। अफ्रीका के इस जाइंट पाउच्ड चूहे का नाम मगावा है।

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Gold Medalist Rat
इस अफ्रीकी चूहे को मिला गोल्ड मेडल, जानें क्या है वजह

New Delhi: आपने शायद ही कभी किसी चूहेको बहादुरी के लिए गोल्ड मेडल दिए जाने का वाक्या सुना होगा। लेकिन एक अफ्रीकी चूहे को गैलेंटरी अवार्ड (Gallantry Award) दिया गया (Gold Medalist Rat)  है। उसे यह पुरस्कार कंबोडिया (Cambodia) में लैंडमाइन्स (landmines) खोजने के लिए दिया गया है। इस चूहे ने कंबोडिया में अपने सूंघने की क्षमता से 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया था।

बताया जा रहा है कि अपने काम (Gold Medalist Rat) के दौरान इस चूहे ने 28 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई है। अफ्रीका के इस जाइंट पाउच्ड चूहे का नाम मगावा है जो सात साल का है। मगवा या उसके जैसा चूहा लैंडमाइन को उसके केमिकल की वजह से डिटेक्ट करता है। इसके बाद वह हैंडलर को इसका संकेत देता है।

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कंबोडिया में तैनात मगवा भी जमीन में दबे स्क्रैप मेटल पर ध्यान नहीं देता और सिर्फ एक्सप्लोसिव केमिकल्स की गंध को पहचानता है। इससे हैंडलर को सिग्नल मिलता है और लैंडमाइन की सटीक लोकेशन पता चलती है। मगावा का वजन 1. 2 किलो है, इसलिए बारूदी सुरंगों के ऊपर से चलने के समय भी इसके वजन से विस्फोट नहीं होता है। मगावा इतना प्रशिक्षित है कि केवल 30 मिनट में एक टेनिस कोर्ट के बराबर एरिया को सूंघकर जांच कर सकता है।

इन चूहों को चैरिटी संस्था एपीओपीओ ट्रेंड करती है। यह संस्था बेल्जियम में रजिस्टर्ड है और अफ्रीकी देश तंजानिया में काम करती है। मगवा ने अब तक 1,41,000 वर्गमीटर क्षेत्र साफ कराया है। मगावा को अब तक का सबसे सफल ‘हीरो रैट’ माना जा रहा है। बता दें कि ब्रिटिश चैरिटी पीडीएसए (PDSA) हर साल बेहतरीन काम करने वाले जानवरों को पुरस्कृत करती है। इस संस्था के 77 साल के लंबे इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चूहे ने इस तरह का पुरस्कार जीता है।

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