New Delhi: साल 2020 बीतने में अब कुछ ही दिन का समय बचा हुआ है। इसी बीच अंतरिक्ष में एक और खगोलीय घटना होने जा रही है। इस साल का आखिरी फुल मून आज यानी 30 दिसंबर 2020 को देखा जाएगा। इसे कोल्ड मून (Cold Moon 2020) भी कहा जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है। बता दें कि ये 2020 का 13वां फुल मून होगा।
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आखिर कोल्ड मून क्यों कहा जाता है?
दरअसल दिसंबर के महीनें में क्रिसमस के बदा पड़ने के कारण इसे कोल्ड मून (Cold Moon 2020) कहा जाता है, क्योंकि इस दौरान उत्तरी गोलार्ध में ठंड अपने चरम पर होती है। वहीं उत्तरी अमेरिका में इसे ‘लॉन्ग नाइट्स मून’ कहा जाता है। और यूरोप में इसे ‘मून आफ्टर यूल’ कहा जाता है।
कोल्ड मून का समय (Cold Moon 2020 Time)
यह फुल मून 30 दिसंबर को सुबह 9 बजे दिखेगा जबकि विदेशों में इसे भारतीय समय अनुसार दोपहर में 3.39 मिनट पर देखा जाएगा। बता दें कि यह फुल मून एशिया, प्रशांत क्षेत्र, यूरोप और अफ्रीका में आज देखने को मिलेगा। वहीं वहीं दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका और कनाडा जैसे पश्चिमी गोलार्ध के देशों में यह बीती रात यानी मंगलवार को रात 10:29 बजे देगा गया था।
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बता दें कि इससे पहले 21 दिसंबर को 800 साल बाद बृहस्पति और शनि ग्रह एक-दूसरे के बेहद करीब आए थे। धरती से देखने पर दोनों एक ही ग्रह के समान लग रहे थे। इससे पहले शनि और बृहस्पति ग्रह 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो (Galileo Galilei) के जीवनकाल में इतने पास आए थे।
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