Christmas Eve: क्रिसमस का त्योहार देश और दुनिया में सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। 25 दिसंबर को भगवान यीशु का जन्म हुआ था। जिनके जन्म का जश्न दोश और दुनिया के कोने-कोने में मनाया जाता है। इस त्योहार को सबके बीच अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। लेकिन वहीं क्रिसमस ईव (Christmas Eve) एक ऐसी परंपरा है जो कि सबके बीच एक ही तरह से मनाया जाता है। क्रिसमस-डे की एक दिन पहले की रात को क्रिसमस ईव कहा जाता है। क्रिसमस ईव के बाद लोग क्रिसमस डे का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें क्रिसमस ईव से जुड़े इतिहास के बारे में अब भी नहीं पता है। आइए जानते है कि क्रिसमस ईव के इतिहास और इसके साथ जुड़े तथ्यों के बार में-
किस दिन आता है क्रिसमस ईव ?
क्रिसमस ईव की शुरुआत क्रिसमस से ठीक एक दिन पहले शुरू हो जाती है। बता दें कि 24 दिसंबर की शाम से सभी लोग क्रिसमस ईव की परंपरा को मनाते हैं। वहीं क्रिसमस ईव अगले दिन यानी 25 दिसंबर तक चलती है। आपको बता दें कि क्रिसमस की पहली शाम से कई इतिहास जुड़े हैं जिसमें सबसे अनोखा इतिहास ये है कि इस दिन Jesus Christ यानी भगवान यीशु का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि पेलेस्टाइन में Jesus of Nazareth का जन्म हुआ था। बता दें कि भगवान यीशु के जन्म की रात को पूरी दुनिया में क्रिसमस ईव का दिन मनाया जाता है।
इस दिन से जुड़ी अहम बातें
आपको बता दें कि क्रिसमस की तैयारियां 15 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच शुरू हो जाती हैं। जिसका अंत 24 दिसंबर यानी क्रिसमस ईव की रात को होता है। समय के साथ-साथ क्रिसमस को मनाने के तरीकों में काफी बदलाव आने लगा है। वहीं 19वीं शताब्दी में चर्चित हुए सेंटा क्लॉस (Santa Claus) का छिपा राज आज तक लोगों में काफी प्रचलित है। बता दें कि क्रिसमस ईव के दिन सभी बच्चें फूड और पानी रात में रख देते हैं। ऐसा माना जाता है कि सेंटा क्लॉस रात में आता है, फूड और पानी खाकर बच्चों के लिए गिफ्ट छोड़ जाता है।
ऐसे मनाया जाता है क्रिसमस ईव
24 दिसंबर यानी क्रिसमस ईव की शाम को लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ रात में खानपान और फन गेम्स खेल कर सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन को लोग नॉर्थ एंड लौटिन अमेरिका, यूरोप और एशिया में पुराने ट्रेडिशन और कलचर के साथ मनाते हैं। यहां लोग अपने के साथ इक्ट्ठा होकर फन एक्टिविटी के साथ क्रिसमस का जश्न मनाते हैं।