नई दिल्ली: दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाने वाला छठ पर्व 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्य को छठ पर्व का पहला अर्घ्य दिया जाता है। यह अर्घ्य डूबते हुए सूरज को दिया जाता है। डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व माना जाता है। आइये जानते हैं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व-
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को प्रत्यूषा को अर्घ्य दिया जाता है और उनसे परिवार की सलामती और खुशियों की प्रार्थना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो सच्ची श्रद्धा से छठी मैया की पूजा और सूर्य की उपासना करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनचाहा वरदान मिलता है।
इस दिन क्या करें
छठ के दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान करके हल्के लाल रंग के वस्त्र पहनें। एक तांबे की प्लेट में गुड़ और गेहूं को घर के मंदिर में रखें। एक लाल आसन पर बैठकर तांबे के दीपक में घी से चिराग जलाएं। भगवान सूर्य नारायण के सूर्याष्टक का 3 या 5 बार पाठ करें। ऐसा करने से खोए हुए सम्मान की प्राप्ति होती है, साथ ही नए अवसरों की प्राप्ति होती है।