Basant Panchami 2022: कब है बसंत पंचमी ? जानिए क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मान्यता

0
535
Basant Panchami 2022
Basant Panchami 2022: कब है बसंत पंचमी ? जानिए क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मान्यता

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”यह खबर सुनें”]

Basant Panchami 2022 Timings,Date,Importance,Puja Vidhi,Rason: बसंत पंचमी का त्योहार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस साल बसंत पंचमी 5 फरवरी 2022 को मानाया जाएगा। बता दें कि इस त्योहार के आगमन से गर्मी की शुरुआत होने (Basant Panchami 2021) लगती है। इस दिन सर्दी कम होने लगती है। बसंत ऋतु में फसलों, पेड़-पौधों में फूल व फल लगने का मौसम होता है, जिससे वातावरण सुहाना हो जाता है।

किसकी की जाती है पूजा ?

इस खास दिन पर देवी सरस्वती की पूजा होती है। मां सरस्वती को विद्या की देवी माना गया है। हिंदू धर्म में इस त्योहार की अहमियत बहुत खास है। शास्त्रों में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि मां सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी के दिन ही हुआ था।

बसंत पंचमी की मान्यता (Basant Panchami Importance)

बसंत पंचमी के दिन ये मान्यता है कि मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से करी जाए तो विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है। माना जाता है बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त होता है। ऐसे में इस दिन शुभ कार्य (Basant Panchami 2021) को करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इस साल ग्रह अस्त के कारण विवाह का मुहूर्त नहीं है।

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Timings & Date)

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है।

बसंत पंचमी की पूजा विधि (Basant Panchami Puja Vidhi)

इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। बता दें कि माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है।

1. मां की पूजा करने के दौरान सबसे पहले सरस्वती की प्रतिमा रखें।
2.पूजा की शुरूआत कलश स्थापित कर भगवान गणेश का नाम लें।
3. माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें, माला और सफेद वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार करें।
4. सरस्वती मां को ज्ञान और वाणी की देवी कहा जाता है।
5. पूजा के समय पुस्तकें या फिर वाद्ययंत्रों का भी पूजन करें।
6. सरस्वती मां को पीले फल साथ-साथ बूंदी चढ़ाएं।
7. अगर आप हवन करते है तो ‘ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा” मंत्र का जाप करें।

क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा (Reason to Celebrate)

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

सरस्वती मां को ज्ञान की देवी कहा जाता है। इसलिए इस दिन पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से वो प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here