1 अप्रैल से लागू होंगे ऑटो डेबिट के नए नियम, क्या है नई गाइडलाइंस

मोबाइल, बिजली और युटिलिटी बिल का पेमेंट Auto Debit Payment करने के लिए आपको 1 अप्रैल से दिक्कतों आ सकती है।

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Auto Debit Payment
मोबाइल, बिजली और युटिलिटी बिल का पेमेंट Auto Debit Payment करने के लिए आपको 1 अप्रैल से दिक्कतों आ सकती है।

New Delhi: मोबाइल, बिजली और युटिलिटी बिल का पेमेंट करने के लिए आपको 1 अप्रैल से दिक्कतों आ सकती (Auto Debit Payment) है। क्योंकि 31 मार्च से रिजर्व बैंक की Additional Factor Authentication (AFA) के लिए नई गाइडलाइंस को लागू करने की डेडलाइन (Auto Debit Payment) है। 

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RBI की गाइडलाइंस

इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Association of India) ने कहा कि लाखों कस्टमर्स ने ऑनलाइन मंजूरियां दी हैं, लेकिन ये 1 अप्रैल से फेल हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बैंकों ने e-mandates के लिए RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक रजिस्ट्रेशन, ट्रैकिंग, मॉडिफिकेशन और विद्ड्रॉल को एक्टीवेट करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।

RBI की नई गाइडलाइंस

नए नियम के अनुसार, बैंकों के पेमेंट की तारीख के 5 दिन पहले एक नोटिफिकेशन देना होगा, पेमेंट करने की अनुमति तभी मिलेगी जब कस्टमर इसकी मंजूरी देगा। अगर रिकरिंग पेमेंट 5000 से ज्यादा है तो बैकों को कस्टमर को वन टाइम पासवर्ड (Auto Debit Payment) देना होगा। RBI ने कस्टमर्स की सुरक्षा को देखते हुए ये कदम उठाया है। 

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पेमेंट करने का दूसरा तरीका

जबतक कि बैंक और मर्चेंट कोई तरीका नहीं खोज लेता। तब तक कस्टमर को अपना बिल, सब्सक्रिप्शन अलग अलग मर्चेंट के पेमेंट पेज पर जाकर भरना पड़ेगा, इससे UPI’s AutoPay से रेकरिंग पेमेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। HDFC Bank, ICICI Bank, State Bank of India जैसे बड़े बैंकों ने अपने नेटवर्क पार्टनर्स को रेकरिंग पेमेंट प्रक्रिया के लिए निर्देशों का पालन करने में अपनी अक्षमता की जानकारी दे दी है। वेंडर्स ने अब कस्टमर्स को जानकारी देना शुरू कर दिया है कि वो पेमेंट के लिए कोई वैकल्पिक तरीका अपना लें।

इसके पहले रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों, पेमेंट गेटवे और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा था कि वो कार्ड डिटेल्स को परमानेंट स्टोर नहीं करें, इससे रेकरिंग पेमेंट और मुश्किल हो गया है। हालांकि RBI ने ये कदम Juspay और नियो बैंकिंग स्टार्टअप Chqbook में डाटा लीक की घटनाओं की वजह से किया था। 

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