यूपी। वारिस पठान के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक और नेता और विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शहर में गोलीबारी की एक घटना हुई, इस पर एफआइआर क्यों नहीं हुई? उन्होंने आगे कहा कि पुलिस विभाग को ध्यान रखना चाहिए कि हम शांति बनाए रखना जानते हैं तो हम यह भी जानते हैं कि शांति कैसे चली जाएगी। हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं।
मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने दी सफाई
आपको बता दें कि इस्माईल के इस बयान की काफी आलोचना भी हुई है। वहीं, अपने इस बयान पर सफाई देते हुए मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने कहा कि मैंने इसे अपने शहर के संदर्भ में कहा था। यह बयान महाराष्ट्र या भारत से जुड़ा हुआ नहीं है। जो फायरिंग हमारे लोगों के करीब हो रही थी इसी को लेकर मैंने कहा था कि हम शांति बनाए रखने में विभाग की मदद करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम इसे रोकते हैं तो शांति बाधित होगी।
MM Ismail:I said it in context of my city. It’s not connected with Maharashtra or India. Firing which our ppl are being subjected to(at AIMIM’s Rizwan Khan’s house), in this context I said we help the dept in maintaining peace,if we stop that then peace would be disrupted.(01.03) https://t.co/SdyvfkKTb1
— ANI (@ANI) March 2, 2020
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी नेता ने ऐसे विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने भी कर्नाटक के कलबुर्गी में 16 फरवरी को सीएए के खिलाफ आयोजित एक रैली में कहा था कि हमे साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा, हमें आजादी चाहिए। उन्होंने आगे कहा था कि इस तरह की चीजें मांगने से नहीं मिलती है, हमें इसे छीनना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि हम लोग 15 करोड़ लोग 100 करोड़ लोगों पर भी भारी हैं। आपको बता दें कि उनका ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वयारल भी हुआ था।
#WATCH Mufti Mohd Ismail,AIMIM MLA in Malegaon: …An incident of firing took place in city,why was no FIR registered?…If it comes to us then dept(Police dept)should note that if we know to maintain peace,we also know how peace would go away. We aren’t wearing bangles.” (29.02) pic.twitter.com/TDlu0SgHxe
— ANI (@ANI) March 2, 2020
आपको बता दें कि नेताओं के भड़काऊ बयान पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही नाराजगी जता चुका है। दिल्ली में हुई हिंसा पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस से तुरंत भड़काऊ बयान देनें वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।