Sultanpur: किसानों ने गन्ना फूंककर किया विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

यूपी के सुल्तानपुर में आज किसानों ने गन्ना फूंककर अपनी नाराजगी जाहिर की हैं।

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Sultanpur Farmers Protest
यूपी के सुल्तानपुर में आज किसानों ने गन्ना फूंककर अपनी नाराजगी जाहिर की हैं।

एक तरफ सरकार का दावा है कि गन्ना किसानों का भुगतान शत प्रतिशत हो गया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी के सुल्तानपुर में आज किसानों ने गन्ना फूंककर (Sultanpur Farmers Protest) अपनी नाराजगी जाहिर की हैं। आरोप है कि जिले की इकलौती चीनीमिल होने की वजह से अधिकारी प्राइवेट चीनी मिल में गन्ना भेजने का दबाव बना रहे हैं। गन्ना किसान इसके लिये पिछले 8 दिनों से धरना प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहा है। लेकिन प्रशाशन हाथ पर हाथ रखकर बैठा हुआ है। लिहाजा किसानों ने आने वाले 7 दिसम्बर को आंदोलन की चेतावनी दी हैं।

गन्ना किसान पिछले 8 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं

दरअसल जिला गन्ना अधिकारी (Sultanpur Farmers Protest) कार्यालय के सामने गन्ना किसान पिछले 8 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी राधे श्याम पासवान जिले की इकलौती सहकारी चीनीमिल के बजय जिले के 7 गांव के किसानों का गन्ना बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ स्थित प्राइवेट चीनीमिल में किसानों का गन्ना भिजवाने का दबाव बना रहे हैं। आरोप है कि जिला गन्ना अधिकारी राधे शयम पासवान की हैदरगढ़ की प्राइवेट चीनीमिल प्रबंध तंत्र से सांठ गांठ है लिहाजा वे सहकारी के बजाय वहां किसानों का गन्ना भिजवा रहे हैं। 

किसानों की माने तो इसके लिये उन्होंने आलाधिकारियों से इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई ठोस कदम नही उठाया गया। वही लगातार गन्ना अधिकारी द्वारा दबाव बनाए जाने से नाराज गन्ना किसान आज अगर हो उठे और कार्यालय के सामने ही गन्ना जला कर अपना विरोध दर्ज करवाया। किसानों ने चेतावनी दी है कि किसान गन्ना जला देंगे लेकिन हैदरगढ़ चीनीमिल नहीं भेजने वाले, इसके साथ ही इन्होंने चेतावनी दी है कि आगामी 7 दिसंबर को अगर आंदोलन की चेतावनी दी है उन्होंने कहा कि ट्रेन रोकी जाएगी। साथ ही किसानों ने कहा कि हैदरगढ़ चीनीमिल जाने वाली गन्ना ट्रकों को भी रोका जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, गन्ना पर्यवेक्षक बांके लाल धूरिया (banke Lal Dhuria) ने कहा कि 1 दिसंबर को बेटी की शादी तय की है। लेकिन वेतन न मिलने से शादी रद्द कर दी गई गन्ना सुपरवाइजर अवधेश सिंह ने बताया की वेतन न मिलने से बच्चों की फीस नहीं जमा हो रही हैं। जिससे पढ़ाई ठप हो गई है। वेतन न मिलने से वे अपना इलाज नहीं करवा पा रहा है। 2008 से पीएफ और 32 महीने का वेतन न मिलने से खेती किसानी करने में मुश्किल आ रही है।

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