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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत गिरि (Narendra Giri Case) की मौत को सुलझाने के लिए योगी सरकार सामने आ गई है। यूपी सरकार के गृह विभाग ने मामले की जांच के लिए CBI की सिफारिश की है। जानकारी के अनुसार सरकार इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है और निष्पक्ष जांच भी करना चाहती है। दरअसल, नरेंद गिरि की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे है। कई राजनेता ये आत्महत्या मानने से मना कर रहे है। जिसकी वजह से CBI जांच की मांग की जा रही है।
तीन आरोपियों को 14 दिन की हिरासत में भेजा
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी (Narendra Giri Case) की मौत के मामले में नामजद FIR होने के बाद आरोपियों से पूछताछ की गई। आरोपी शिष्य आनंद गिरी से कई घंटे तक पूछताछ की गई है। बुधवार को दोपहर 12 बजे आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।
तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बता दें नरेंद्र गिरि के मिले सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मौत का जिम्मेदार बताया गया था। सोसाइड पढ़कर पता चला कि ये तीनों ब्लैकमेल कर रहे हैं और मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं। जिसके आधार पर यूपी पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था।
सबूत में क्या नहीं मिला ?
सीजेएम कोर्ट में पेश की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले। महंत गिरि की मौत दम घुटने की वजह से हुई है। गिरि (Narendra Giri Postmortem) के गले पर शेप का निशान है जो फंदा लगाने की वजह से हो जाता है। ऐसे में पुलिस कुछ हद मान रही है कि नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है और उनकी मौत फंदे से लटकने के कारण ही हुई है।
संत समाज की मौजदूगी में दी गई भू-समाधि
पोस्टमार्टम (Narendra Giri Postmortem) के बाद बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि को भू समाधि दे दी गई। बाघंबरी गद्दी मठ में पार्थिव शरीर को भू समाधि दी गई। भू समाधि के दौरान साधु को समाधि वाली स्थिति में बिठाकर ही उन्हें विदा किया गया। आमतौर पर साधुओं को इसी मुद्रा में समाधि देते हैं। महंत नरेंद्र गिरि की भी इसी तरह समाधि दी गई है। इस दौरान भारी संख्या में जुटे संतों ने उन्हें हाथ जोड़ कर विदाई दी। तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज के बाघंबरी मठ पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की थी, साथ ही समाधि के मौके पर संत समाज और मंहत गिरि के शिष्य मौजदू रहे।
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