Prayagraj: हाल ही में हुए भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि (Narendra Giri) की संग्दिध परिस्थिति में मौत हो गयी थी। और वो आत्महत्या (Suicide) है या मर्डर (Murder). इसकी गुत्थी अभी भी उलझी हुई है। इसकी खबर सामने आते ही उत्तराधिकारी के नाम को लेकर कवायद तेज हो गई है जिसमे एक नया उत्तराधिकारी चुना जाएगा और इसके लिए अखाड़ा परिषद से पांच परमेश्वरों की बैठक बुलाई गयी है। बता दें कि महंत नरेन्द्र गिरि, अपने सुसाइड नोट में शिष्य बलबीर गिरि (Balbir Giri) को अपना उत्तराधिकारी बता गए हैं।
नरेंद्र गिरी ने suicide note में महंत बलबीर गिरी उत्तराधिकारी बताया
दरअसल नरेंद्र गिरी का सुसाइड नोट सामने आया जिसमे लिखा है कि उनकी अंतिम इच्छा यही है कि मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर का महंत बलबीर गिरी को बनाया जाए। इसके लिए उन्होंने निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी महराज से अनुरोध करते हुए लिखा कि जो वह अब तक उनका सहयोग करते रहे हैं, इस इच्छा को भी जरूर पूरा करेंगे। बलबीर गिरि के बारे में बताया जा रहा है कि वह और आनंद गिरि करीब-करीब एक साथ ही महंत नरेन्द्र गिरि के शिष्य बने थे।
Balbir Giri नरेंद्र गिरी के अच्छे शिष्य थे
दोनों उनके सबसे करीबी शिष्य माने जाते थे। विवाद के बाद आनंद गिरि का मठ से निष्कासन हो गया तब से बलबीर गिरि (Balbir Giri) ही सारा कामकाज संभाल रहे थे। प्रमुख आयोजनों में उन्हें अक्सर महंत नरेन्द्र गिरि के साथ देखा जाता था।
Also Read: योगी सरकार ने की नरेंद्र गिरि मौत मामले में CBI जांच की सिफारिश, क्या अब खुलेंगे राज!