[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”यह खबर सुनें”]
हाल ही में पीएम कैबिनेट (PM Cabinet) से एक बड़ा फैसला सामने आया था जहाँ लड़की की शादी की कानूनी उम्र को बदलकर 18 से 21 कर दी गई है। बता दें की इस फैसल को लेकर नेताओं के बीच काफी चर्चा है। इसी दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शादी की कानूनी उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन कहा कि संशोधित कानून 1 जनवरी, 2023 से पहले लागू नहीं होना चाहिए।
2022 का इस्तेमाल लोगों को समझाने वाले शैक्षिक अभियान के लिए किया जाना चाहिए। लड़के या लड़की के 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ही शादी करने की अनुमति मिलनी चाहिये।
चिदंबरम ने किया समर्थन
चिदंबरम (P.Chidambaram) ने कहा की “लड़कियों के लिए शादी की उम्र को बढ़ाकर 21 करने और इसे लड़कों के समान बनाने की समझदारी पर बहस चल रही है। मेरा विचार है कि शादी की उम्र 21 साल में लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए समान होनी चाहिए। लेकिन संशोधित कानून 1-1-2023 या उसके बाद लागू होना चाहिए। वर्ष 2022 का उपयोग लड़के या लड़की के 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ही शादी के लाभों पर बड़े पैमाने पर शैक्षिक अभियान के लिए किया जाना चाहिए” .
माना जाता है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य उम्र में एकरूपता लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में संशोधन करने के लिए संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में एक विधेयक ला सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है की प्रस्तावित विधेयक में विभिन्न समुदायों के विवाह से संबंधित विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों में परिणामी परिवर्तन करने की भी मांग हो सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक समान शादी की उम्र हो.
There is a debate on the wisdom of raising the age of marriage to 21 for girls and making it the same as it is for boys
My view is that the age of marriage should be common for both girls and boys at 21 years
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 18, 2021