Mulayam Singh Yadav Political Career: मुलायम सिंह यादव का ‘राजनीतिक करियर’, 1992 में ऐसे की थी समाजवादी पार्टी की स्थापना

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मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर

Mulayam Singh Yadav Political Career: आज यानी 10 अक्टूबर की सुबह 08:16 बजे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। दरअसल मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। पिछले कुछ दिनों से नेताजी की हालत काफी गंभीर बनी हुई थी।

आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव राजनीति में पांच दशकों से ज्यादा समय तक सक्रिय रहे। नेताजी सैफई गांव से साधारण व्यक्ति के रूप में निकल कर लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऊपर तक पहुंचे है। वह देश के रक्षा मंत्री बने थे, जहां 7 बार सांसद रहे और 8 बार विधानसभा में विधायक भी रहे। साथ ही आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव एक बार एमएलसी भी बने थे। आइए आपको बताते है मुलायम सिंह का राजनीतिक करियर कैसा था-

8 बार विधायक बने थे मुलायम सिंह यादव

1967

सपा संरक्षण मुलायम सिंह यादव ने राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohiya) और राज नारायण (Raj Narayan) से राजनीति की शिक्षा सीखी थी। राजनीति की शिक्षा पाने वाले मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर विधानसभा सीट से 1967 में पहली बार विधायक बने थे।

1974

जसवंतनगर विधानसभा सीट से 1974 में भारतीय क्रांति दल के टिकट पर विधायक बने थे मुलायम सिंह यादव।

1977

भारतीय क्रांति दल के टिकट पर उसी सीट से 1977 में विधायक बने थे मुलायम सिंह यादव।

1985-1993

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव जसवंतनगर सीट से ही 1985, 1989, 1991 और 1993 में विधायक बने रहे।

1996

सन 1996 में सहसवान सीट से मुलायम सिंह यादव विधायक बने थे। बता दें कि 1996 में ही उन्होंने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था।

7 बार सांसद रह चुके है मुलायम सिंह यादव

1996

पहली बार मैनपुरी लोकसभा सीट से सन 1996 में सांसद बने थे मुलायम सिंह।

1998

सन 1998 में दूसरी बार संभल से सांसद बने थे मुलायम सिंह यादव।

1999

संभल और कन्नौज से 1999 में सांसद बने थे मुलायम सिंह यादव। लेकिन सन 2000 में उन्होंने कन्नौज से इस्तीफा दे दिया था।

2004

बता दें कि लोकसभा चुनाव से 2004 में नेताजी फिर से मैनपुरी सीट से उतरे और जीत हासिल की थी। लेकिन फिर नेताजी ने 2004 में ही सीट से इस्तीफा दे दिया था।

2009

वहीं 2009 में मुलायम सिंह यादव 5वीं बार मैनपुरी से सांसद चुने गए थे।

2014

आपको बता दें कि 16वें लोकसभा चुनाव के लिए मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी से पर्चा भरा था। साथ ही उन्होंने दोनो जगह से जीत हासिल की थी। लेकिन बाद में मैनपुरी से मुलायम सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह मुलायम सिंह छठी बार सांसद बने।

2019

वहीं सन 2019 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर मैनपुरी लोकसभा सीट से उतरे और उन्होंने जीत भी हासिल की।

3 बार बने उत्तर प्रदेश के सीएम

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव 55 साल की उम्र में तीन बार रह चुके है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री-

पहली बार

1989 में पहली बार मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। फिर 1990 में केंद्र में वीपी सिंह (VP Singh) की सरकार गिरने के बाद मुलायम सिंह यादव जनता दल से जुड़ गए थे। उसके बाद नेताजी कांग्रेस के समर्थन से सीएम के पद पर बने रहे। अप्रैल 1991 में जब कांग्रेस ने इस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया तब मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई।

दूसरी बार

1993 में दूसरी बार मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। फिर 1992 में मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। नवंबर 1993 में राज्य में चुनाव होने से पहले मुलायम सिंह ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया। बता दें कि चुनावी नतीजों के बाद मुलायम सिंह बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने में कामयाब रहे और वह स्व्यं सीएम बन गए। वहीं 1995 में मायावती ने जब अपना समर्थन वापस ले लिया तो मुलायम की यह सरकार भी गिर गई।

तीसरी बार

2003 में फिर से मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। जिसके बाद 2002 में मुलायम को रोकने के लिए बसपा और बीजेपी ने गठबंधन कर लिया था। जिसके चलते मायावती सीएम बन गई। लेकिन 2003 में बीजेपी ने इस सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। साथ ही आपको बता दें कि बसपा के बागियों, निर्दलीय और छोटे दलों की मदद से मुलायम सिंह ने एक बार फिर से 2003 में अपनी सरकार बनाई।

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