Mthura: खुद को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त बताने वाले अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु जैन और रंजना अग्निहोत्री ने सुप्रीम कोर्ट में मथुरा (Mathura) को लेकर एक याचिका दायर की थी, जिसको लेकर पांच मई को कोर्ट में दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई थी। फिर कोर्ट ने इस फैसले की तारीख 19 तय कर दी थी।
मथुरा (Mathura) की अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) को लेकर रंजना अग्निहोत्री के दावे का फिर से अध्यन कर इसको स्वीकार कर लिया है। तीनों याचिकर्ताओं ने अपनी इस मामले में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड, शाही ईदगाह मस्जिद कमिटी को प्रतिवादी बनाया है। निचली अदालत में इसको लेकर दावा किया गया था जिसे ख़ारिज कर दिया गया है। इसके बाद इस मामले को मथुरा की जिला अदालत में दाखिल कर दिया गया और कोर्ट ने दलीलें सुनकर इस पर 19 मई को फैसला सुनाने आदेश दिया था।
खबर यह भी है कि यह भी आ रही है कि जिला अदालत द्वारा मामला स्वीकारने के बाद सर्वे का रास्ता साफ़ होता दिखाई दे रहा है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी मामले चार महीने में पूरा करने का आदेश जिला अदालत को दे दिया है।
क्या है पूरा मामला ?
रंजना अग्निहोत्री और सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं और राम जन्म भूमि के मामले में भी उन्होंने मुकदमा दायर किया था। उन्होंने ही श्री कृष्ण की जन्मभूमि के 3.37 एकड़ जमीन को लेकर मामला दर्ज किया गया है। याचिका में बताया गया है कि ईदगाह की जमीन पर भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि और मंदिर का गर्भगृह है। इसी मामले को लेकर अन्य वकीलों ने भी याचिका दायर की थी।
कोर्ट में 5 मई को हुई थी बहस
इस मामले में 5 मई को वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन और अन्य ने जिला जज की अदालत में प्रतिवादी पक्ष की और से वकील तनवीर अहमद, शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव और अन्य अधिवक्ताओं ने भी अपना पक्ष रखा था। जिला जज भारती ने फैसला सुरक्षित रखते हुए फैसले को 19 मई के लिए रख दिया।