Uttar Pradesh: विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) केस में उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास दुबे और उसके साथियों की मौत के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने अपना विस्तृत जवाब दाखिल किया है। पुलिस ने कहा कि शुरुआत में गोली चलाकर विकास को सरेंडर करने को कहा लेकिन विकास ने बात नहीं मानी और फायर करने पर उस पर गोली चलानी पड़ी।
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यूपी सरकार ने दलील दी (Supreme Court) कि इसे किसी भी तरह फेक एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता है। इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की एक पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी, जिसका नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश करेंगे। अदालत घनश्याम उपाध्याय और अनूप प्रकाश अवस्थी नाम के दो वकीलों द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।
Uttar Pradesh Police filed its detailed reply before the Supreme Court in connection with the deaths of Vikas Dubey and his associates, stating that the “encounters” were correct and can’t be termed fake. pic.twitter.com/tWjnmboYHZ
— ANI (@ANI) July 17, 2020
इसके साथ ही यूपी पुलिस ने दुबे के ख़िलाफ़ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की सूची कोर्ट को दी है। एनकाउंटर के समय घटनास्थल पर पलटी पुलिस की गाड़ी की फ़ोटो, विकास दुबे के शव की फ़ोटो, विकास दुबे ने जिन आठ पुलिस वालों की हत्या की, उनके शवों की फ़ोटो कोर्ट में जमा की है।
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बता दें कि कई दिनों तक पांच लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे को ढूंढने के बाद वह मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था। यूपी एसटीएफ वहां से दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी, तभी अगले दिन सुबह उसका एनकाउंटर हो गया। यूपी एसटीएफ ने दावा किया है कि पुलिस की गाड़ी पलटने की वजह से दुबे भागने की कोशिश करने लगा। उसने पुलिस से बंदूक छीन ली और फायरिंग भी की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुबे को ढेर कर दिया था।