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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri Death) की संदिग्ध स्थितियों में मौत हो गई। सवाल ये उठ रहे है कि ये महज मौत थी या आत्महत्या ? महंत गिरी का शव फांसी के फंदे में लटका हुआ मिला। इस खबर से हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। जिसके बाद मामले का खुलासा हो सकता है। हालांकि जानकारी के अनुसार आनंद गिरी (Anand Giri) ने कहा कि सोसाइड नोट में परेशान करने बात लिखी हुई है। आखिर परेशान किसने किया या नहीं किया इस बात का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है।
सीएम योगी ने जताया दुख
महंत नरेंद्र गिरि की मौत (Narendra Giri Death) पर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने भी दुख जताया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 20, 2021
किसने रची साजिश ?
बता दें जब आनंद गिरी (Anand Giri) से पूछा गया तब उन्होंने कहा कि ‘मेरे साथ कोई विवाद नहीं थी’। विवाद मठ के जमीन को बेचने को लेकर के था। कुछ लोग जो गुरू जी के साथ उठते बैठते थे, उन लोगों की नीयत उस मठ के जमीन पर थी और मैं उस मठ की जमीन को नहीं बेचने देना चाहता था। जिसकी वजह से गुरू जी मुझसे नाराज चल रहे थे।
महंत गिरि ने BSP पर बोला था हमला
यूपी के धार्मिक और तीर्थ क्षेत्रों में माांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाए जाने पर निशाना साधा था। हाल ही में बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि तिलक, तराजू और तलवार… का नारा देने वाली पार्टी सियासी फायदे के लिए ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है।