Idana Mata: मेवाड़ के प्रमुख शक्तिपीठ में से एक ईडाणा माता अपने रहस्यमयी अग्नि स्नान के लिए देश और दुनिया में प्रसिद्ध हैं। ऐसा माना जाता है की ईडाणा माता हर साल नवरात्रि से पहले अग्नि स्नान करती हैं। ये अग्नि स्नान कैसे और कब होता है इसका पता अबतक कोई नहीं लगा पाया है।
कब और कैसे होता है अग्नि स्नान ?
ऐसे तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी अपनी-अपनी मान्यता है और उनके पीछे हैरान कर देने वाले रहस्य छिपे हैं। मेवाड़ में मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध ईडाणा माता के अग्नि स्नान के पीछे भी एक ऐसा ही रहस्य है जिसके बारे में किसी को खबर नहीं। कहते हैं कि ईडाणा माता हर साल अग्नि स्नान करती हैं। इनके अग्नि स्नान के लिए कोई भी आग नहीं लगाता। ईडाणा माता के अग्नि स्नान का समय और दिन कभी तय नहीं रहा जिसके कारण अकसर लोग इस अद्भुत दृश्य के दर्शन नहीं कर पाते हैं।
लकवे से ग्रसित रोगी भी होते हैं ठीक
मेवल क्षेत्र में करीब 52 गांव आते, इनमें से ईडाणा गांव में माता ईडाणा का मंदिर है। सोमवार को जब अचानक माता का अग्नि स्नान हुआ तो इसके दर्शन करने के लिए गांव के लोग दौड़े चले आए। करीब 15 मिनट तक माता ने अग्नि स्नान किया। रहस्य की बात है कि माता के अग्नि स्नान के दौरान सारा श्रृंगार जलकर भस्म हो जाता है, लेकिन उनकी प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अग्नि स्नान के बाद ईडाणा माता का फिर से श्रृंगार किया जाता है। माता का मंदिर उदयपुर शहर से 60 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा है। ऐसी मान्यता है कि लकवे से पीड़ित रोगी माता के दरबार में आकर ठीक हो जाते हैं।