केंद्र सरकार ने किसानों (Farmers Protest) की मांगों को पूरा कर दिया है। इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषि मंडी उपज शुल्क के दाम बढ़ा दिए है। कृषि उत्पादों पर कृषक कल्याण टैक्स लागू कर दिया है। कृषि उत्पादों पर 100 रुपये पर 2 के जगह अब 5 रुपये शुल्क वसूला जाने वाला है।
बाकी उत्पादों पर ये शुल्क डेढ़ रुपये कर दिया
आपको बता दें धान के अलावा बाकी उत्पादों पर ये शुल्क डेढ़ रुपये तय किया गया है। इसकी नई दरें 1 दिसंबर से से शुरू कर दी गई है। एक तरफ सरकार ने दरों को बढ़ा दिया है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया हैं। इसके साथ ही किसानों ने धमतरी की कुरुद मंडी में ताला लगा दिया। बढ़े हुए दाम को वापस लेने के लिए मंडी सचिव को ज्ञापन भी सौंप दिया है।
जानकारी के मुताबिक, राज्य की मंडियों में राज्य या राज्य के बाहर से आने वाले सभी उत्पादों पर शुल्क लागू होगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, ये शुल्क किसानों से नहीं बल्कि व्यापारियों से लिया जाएगा। लेकिन किसानों का कहना है कि व्यापारी मंडी शुल्क किसानों से ही लेते हैं। इसलिए इसका सीधा असर उन पर पड़ता है।
विधानसभा में पास किया था संशोधन विधेयक
संशोधन का विधेयक पिछले साल दिसंबर में विधानसभा से पारित हुआ था। उस वक्त कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया था कि अभी तक 100 रुपये पर ये शुल्क न्यूनतम 50 पैसे और अधिकतम 2 रुपये था। लेकिन अब राज्य या राज्य के बाहर से आने वाली सभी कृषि उपजों पर वसूला जाएगा।
मंडी में खरीदी का भाव पूरी तरह से गिर गया है
दरअसल, किसान महासंघ के महामंत्री नवीन शेष ने कहा कि वैसे भी मंडी में उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होती है। ऐसे में टैक्स बढ़ने से किसानों का नुकसान हो सकता है। 1 दिसंबर से मंडी शुल्क की नई दर और किसान कल्याण शुल्क लागू होते ही मंडियों में कृषि उत्पादों की बोली की दर 200 से 300 रुपये कम हो गई है।