राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई । कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना को लेकर फटकार लगाई है।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा ‘ऑड-ईवन योजना के पीछे क्या तर्क है? डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाना हम समझ सकते हैं, लेकिन ऑड-ईवन योजना के पीछे की वजह क्या है।’
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह शुक्रवार तक डेटा या रिकॉर्ड से यह साबित करे कि ऑड-ईवन योजना से दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कोई बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी डीजल जनरेटर का उपयोग न हो। राज्यों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति आज बैठक करेगी और 6 नवंबर को कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
Supreme Court orders that no power cuts should take place in Delhi, Punjab, Haryana, and Uttar Pradesh to ensure that no diesel generators are used. High powered committee of states to meet today and the report to be submitted on November 6 https://t.co/QMw4fV3tvr
— ANI (@ANI) November 4, 2019
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘उन्होंने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है, कोर्ट ने कहा, ‘दिल्ली की आबोहवा साल दर साल और दमघोंटू होती जा रही है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। हर साल यह हो रहा है और 10-15 दिनों से लगातार ऐसा हो रहा है। सभ्य देशों में ऐसा नहीं होता है। जीने का अधिकार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।’
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता ने सुनवाई करते हुए कहा, ‘इस तरीके से हम जी नहीं सकते, केंद्र और राज्य सरकार को कुछ करना होगा, ऐसा नहीं चलेगा, यह बहुत हो गया है, इस शहर में रहने के लिए कोई भी घर यहां तक कि कोई कमरा भी सुरक्षित नहीं है, यह अत्याचार है।
कोर्ट ने कहा कि हम अपनी जिंदगी के कई बहुमूल्य साल इसकी वजह से खो रहे हैं, स्थिति विकट है। केंद्र और दिल्ली सरकार क्या करना चाहती हैं? आप इस प्रदूषण को कम करने के लिए क्या करने का इरादा रखते हैं ?’ जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, हम राज्यों के मुख्य सचिवों, ग्राम प्रधान, स्थानीय अधिकारियों, पुलिस को समन भेजेंगे जो पराली जलाने से रोकने में नाकाम रहे।