नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के विरोध में पूर्वोत्तर के राज्यों से हिंसक प्रदर्शन की खबर है। दरअसल, नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) संसद के निम्न सदन (लोकसभा) में पास हो चुका है। अब उच्च सदन (राज्यसभा) नागरिकता विधेयक पर बहस जारी है।
नागरिकता विधेयक संशोधन के विरोध में विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। केंद्र सरकार इसे अल्पसंख्यकों के हित में बता रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में कहा, देश के मुसलमानों को इससे कोई खतरा नहीं है।
गौरतलब है कि बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया गया। इसी बीच पूर्वोत्तर के राज्यों में इस बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा भी देखा गया है। गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आसू गैस के गोले छोड़े हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल लागू होने से मूलनिवासी ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे।
त्रिपुरा और असम के कई भागों में छात्र संगठन सड़कों पर उतरकर विधेयक का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र और युवा मार्च निकाल रहे हैं। आगजनी की घटनाओं की भी खबरें आईं हैं। जानकारी के अनुसार, गुवाहाटी सचिवालय के पास पुलिस कर्मियों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विरोध पर पलटवार करते हुए असम के वित्तमंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा, कांग्रेस के राज में असम के मूलनिवासी अल्पसंख्यक हो गए थे। बंग्लादेशी घुसपैठिए मुसलमानों की संख्या असम में 36 फीसदी है। वे असम की भाषा नहीं बोलते हैं, लेकिन उनका असर 45 विधानसभा सीटों पर है।
हेमंत बिस्वा सरमा ने सवाल किया, क्या यह असम की नस्लीय सफाई नहीं थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा था, नागरिकता संशोधन बिल 2019 के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों की नस्लीय सफाई करना चाहती है। यह पूर्वोत्तर के राज्यों पर आपराधिक हमला है। उनके जीने के तरीके और उनके भारतीयता की सोच पर हमला है।