पटना : भ्रस्टाचार के मामले सामने आना कोई नई बात नहीं है, फिल्म अभिनेता अजय देवगन ( Ajay Devgn ) की फिल्म ‘रेड’ में आप सबने देखा होगा कैसे टीम रेड मारने एक बाहुबली नेता के घर जाती है और वहां कितना कुछ मिलता है। यहां मामला मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेद्र प्रसाद से जुड़ा हुआ है, राजेद्र प्रसाद पर 30 करोड़ से अधिक के दुरुपयोग के मामले में विशेष निगरानी इकाई (SVU) का शिकंजा कस गया मामले में धरपकड़ हुई तब करीब एक करोड़ रुपये की नकदी, गहने और कई प्लॉट के कागजान मिले।
जब मंगवानी पड़ी नोट गिनने की मशीन
इतना सब बरामद होने होने के बाद एसवीयू ने छापेमारी की कार्रवाई से राज्य सरकार समेत अन्य संबंधित एजेंसियों को जानकारी भेज दी। अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो विजिलेंस टीम ने जब घर की एक आलमारी खोली तो उसमें नोटों की गड्डियां देख वह हैरान रह गई।
बरामद नोटों को गिनने की कोशिश की गई लेकिन रकम ज्यादा होने के कारण मशीन मंगानी पड़ गई। जो जेवर घर में बरामद हुए उसके लिए सर्राफा कारोबारी को बुलाया गया। घर में बरामद जेवरों की कीमत तक़रीबन 15 लाख थी। इस सब को छोड़ दें तो कई प्लॉट के कागजात मिले हैं।
कई महीनों से SVU की नज़र में थे डा. राजेंद्र प्रसाद
आपको बता दें डा. राजेंद्र प्रसाद पर बिहार पुलिस की स्पेशल विजिलेंस यूनिट की नजर कई महीनों से थी। आज से करीब तीन माह पहले वह गया से सरकारी गाड़ी से गोरखपुर आए थे। भारी मात्रा में कैश लेकर चलने की सूचना मिलने पर गोरखपुर पुलिस ने विश्वविद्यालय चौराहा पर गाड़ी रोककर तलाशी ली।
यकायक हुई इस चेकिंग से गाड़ी में सवार कुलपति हैरान हो गए थे। जब उन्होंने पुलिस अधिकारी से गाड़ी चेक करने का कारण पूछा तो उनसे कहा गया था कि गलतफहमी में गाड़ी रोक ली गई।
30 करोड़ रुपये की बंदरबांट के मामले में एसवीयू की जद में आए कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के साथ कई अन्य विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी भी रडार पर हैं। एसवीयू को जांच के क्रम में कई अहम जानकारियां प्राप्त हुई हैं जिनके आधार पर अन्य विश्वविद्यालयों से पत्राचार किया गया है।